Friday 17 August 2018

आईपीएस मयंक जैन को अनिवार्य सेवानिवृत्ति

आईपीएस मयंक जैन को अनिवार्य सेवानिवृत्ति

लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद से ही निलंबित चल रहे मप्र के 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी मयंक जैन को भारत सरकार ने सेवा से पृथक कर दिया है।  तीन साल पहले लोकायुक्त की उज्जैन टीम ने उनके भोपाल, इंदौर और रीवा स्थित निवास पर छापा मारा था। इस कार्रवाई में दावा किया गया था आईपीएस की नौकरी से सवा करोड़ रुपए कमाने वाले मयंक जैन के पास लगभग 100 करोड़ की सम्पत्ति मिली है। इसके बाद ही सरकार ने उन्हें सस्पेंड कर दिया था, इसके बाद राज्य सरकार ने इसी साल 3 मार्च को उन्हें अनिवार्य सेवा निवृत्ति देने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा था जिसे भारत के गृह विभाग ने 13 अगस्त को मंजूर कर राज्य सरकार को सूचना भेज दी है।
अनिवार्य सेवानिवृत्ति की खबर के बाद प्रदेश के आईपीएस अधिकारियों में भी खलबली मच गई है। कई अधिकारियों का कहना है कि मयंक जैन के खिलाफ अपराध सिद्ध नहीं हुआ है। इसलिए उन्हें इसके खिलाफ कोर्ट जाना चाहिए। लोकायुक्त की उज्जैन टीम ने 15 मई 2015 को उनके भोपाल, इंदौर और रीवा स्थित निवास पर छापा मार कार्रवाई की गई थी, इस कार्रवाई में आईपीएस मयंक जैन के पास 100 करोड़ की सम्पत्ति मिलने का दावा किया गया था। जबकि मयंक जैन के परिजनों का कहना था कि जैन पूरी नौकरी में बेहद ईमानदार अधिकारी रहे। छापे में जो कुछ मिला वह उनकी पुश्तैनी संपत्ति और पारिवारिक संपत्ति है। आईपीएस मयंक जैन एमबीबीएस गोल्ड मेडल लिस्ट हैं। उन्होंने इसके बाद आर्थोपेडिक से मास्टर ऑफ सर्जरी की पढ़ाई भी की। इसके बाद उन्होंने आईपीएस की नौकरी ज्वाइन कर ली। उनके पिता, भाई और पत्नी भी डाक्टर हैं। उनका भोपाल और रीवा में नर्सिंग होम भी है।

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