चुनावी
साल में CM शिवराज लगा रहे घोषणाओं की झड़ी
मध्य
प्रदेश में चुनावी बयार बहने लगी है, सरकार
ने घोषणाओं का पिटारा खोल दिया है,
लेकिन
तिजोरी खाली है, ओवरड्राफ्ट के हालात हैं. लेकिन सरकार
कह रही है चिंता की कोई बात नहीं. वित्तमंत्री बेफिक्र होकर कहते हैं कि चुनावी
साल में घोषणाएं कौन सी सरकार नहीं करती. कांग्रेस कह रही है सरकार घबराहट में
ऐलान कर रही है. 30 मई को मंदसौर में मध्यप्रदेश के
मुख्यमंत्री ने गरीबों को घर, तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिये
चप्पल-साड़ी का ऐलान किया, कहा कि सरकार ने अभी तक गरीबों में 20000 करोड़ बांट दिये. तो वहीं 14 मई को भोपाल में बच्चों से कहा कि 12वीं के बाद सारी फीस उनके मामा भरेंगे, 75 फीसद लाने पर लैपटाप मिलेगा.
12 फरवरी को भोपाल के जंबूरी मैदान में
धड़ाधड़ ऐलान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, 'सरकार
5 साल में खेती पर 38,000 करोड़ रुपये खर्चेगी. चुनावी साल में
गरीबों के बिजली के पुराने बिल माफ करने के लिए बिजली बिल समाधान योजना तो मजदूरों
के लिये संबल योजना, किसानों के लिये किसान समृद्धि योजना
जैसे कई ऐलान ताब़ड़तोड़ कर डाले,
ये
भूलकर कि इन योजनाओं ने सरकार की आर्थिक हालत खराब कर दी है. राज्य पर एक लाख 82000 करोड़ का कर्ज है, 15 साल बाद ओवर ड्राफ्ट के हालात हैं लेकिन वित्त
मंत्री निश्चिंत हैं. वित्त मंत्री जयंत मलैया ने कहा, "हम संवदेनशील हैं, खजाने में कुछ दे दें तो क्या दिक्कत है, साढ़े 14
साल रेवेन्यू सरप्लस रहा है हमें कोई दिक्कत नहीं है, खजाना भले खाली हो जाए, गरीब की आंखों में आंसू नहीं देख सकते, क्या फर्क पड़ता है ओवरड्राफ्ट से.
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