व्यापमं
घोटाले का मास्टरमाइंड डॉ. पंकज त्रिवेदी
निकला,
व्यापम
घोटाला उजागर होने के पांच साल बाद ईडी ने कोर्ट में पहली चार्जशीट दायर कर दी है।
जिसमें पीएमटी 2012 और 2013 के
साथ ही प्री- पीजी मेडिकल 2012 में हुए घोटाले की जांच रिपोर्ट भी
शामिल है। ईडी की जांच में व्यापम घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का खुलासा भी हुआ है।
ईडी ने सबूतों के आधार पर डॉ. जगदीश सागर, श्री
अरविंद आयुर्विज्ञान संस्थान के पूर्व चेयरमैन डॉ. विनोद भंडारी, व्यापमं के एक्जाम कंट्रोलर व डायरेक्टर डॉ. पंकज त्रिवेदी के साथ नितिन महिंद्रा को
आरोपी बनाया है।इनके ऊपर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया
गया है।
दरअसल, इस मामले में ईडी का यह पहला आरोपपत्र है और
भविष्य में पूरक आरोपपत्र दायर हो सकता है क्योंकि जांच अभी जारी है। ईडी ने मामले
में जांच के बाद स्पेशल कोर्ट में 2,505 पेज की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की है।
चार्जशीट में कहा गया है कि इस घोटाले का मास्टरमाइंड डॉ. त्रिवेदी था। उन्होंने
मोहिंद्रा , व्यापमं के अजय कुमार सेन और सीके
मिश्रा के साथ मिलकर या गड़बड़ी की है।डॉ. त्रिवेदी ही मोहिंद्रा, सेन व मिश्रा के जरिए छात्रों से डील करता था
और फिर रुपए में हिस्सेदारी की जाती थी। डॉ. सागर व अन्य के जरिए आए छात्रों के
लिए भी डील की जाती थी और उन्हें रोल नंबर उनके हिसाब से अलॉट कर दिए जाते थे। इसी
पैसे से करीब 14 करोड़ की चल-अचल संपत्ति भी जुटाई गई
थी। तीन अटैचमेंट आदेशों के जरिए ईडी पहले ही संपत्ति अटैच कर चुका है।। ईडी ने
जांच में एक लेन-देन 1.81 करोड़ रुपए का पाया है, जिसमें त्रिवेदी ने 75 लाख रुपए रखे।
वही
ईडी ने अभी तीन परीक्षाओं के ही घोटाले की जांच की चार्जशीट पेश की है, लेकिन अभी 10 से
ज्यादा व्यापमं परीक्षाओं की जांच जारी है। इसमें कई रैकेटियर, कुछ और निजी मेडिकल कॉलेज, कुछ नौकरशाहों पर जांच जारी है, जिसमें आगे पूरक चालान पेश किए जाएंगे और नए
आरोपी भी सामने आएंगे। फिलहाल मामले की जांच सीबीआई कर रही है।
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