निर्वाचित होने के बाद बोले मैं राष्ट्रपति भवन में गरीबों का प्रतिनिधि
14वें राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित होने के बाद रामनाथ कोविंद ने परौख गांव की सामान्य जिंदगी से निकल कर राष्ट्र के प्रथम नागरिक बनने तक के सफर को जिस भावुकता के साथ बताया, सही मायने में यही भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती और महानता का परिचायक है.मिट्टी की दीवारों और फूस की झोपड़ी के नीचे बारिश में भीग जाने की कहानी को बताते हुए उन्होंने समाज में पीछे रह गये लोगों को भी याद किया. रामनाथ कोविंद के हाथों में अब राष्ट्रपति के रूप में संविधान की रक्षा और मर्यादा बनाये रखने की सबसे बड़ी जिम्मेवारी है. बेहतर भविष्य और सवा अरब की आबादी की आकांक्षाओं पर खरा उतरने की शुभकामनाओं के साथ विशेष प्रस्तुति...
झोपड़ी से रायसीना हिल तक का सफर
नयी दिल्ली : देश के 14वें राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद रामनाथ कोविंद ने कहा है कि वह सर्वे भवन्तु सुखिनः की भावना से काम करेंगे. उन्होंने संविधान की रक्षा और मर्यादा बनाये रखने का भरोसा दिया. कोविंद ने संक्षिप्त और भावुक भाषण में मीरा कुमार को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं और गरीबी में बिताये अपने बचपन को भी याद किया.
अपनी जीत की औपचारिक घोषणा के बाद कोविंद मीडिया के सामने आये. उन्होंने कहा, आज सुबह से दिल्ली में बारिश हो रही है. यह बारिश मुझे मेरे बचपन की याद दिला रही है. मैं अपने पैतृक गांव में रहता था. घर कच्चा था.
मिट्टी की दीवारें थीं. फूस की छत थी, जिससे पानी टपकता था. उस वक्त हम सब भाई-बहन दीवार के सहारे खड़े होकर बारिश रुकने का इंतजार करते थे. आज देश में कितने रामनाथ कोविंद होंगे, जो खेत में काम कर रहे होंगे और पसीना बहा रहे होंगे. मुझे उन लोगों से कहना है कि परौंख गांव का रामनाथ कोविंद उन्हीं का प्रतिनिधि बन कर जा रहा है. मैं देश को विश्वास दिलाता हूं कि मैं संविधान की रक्षा करूंगा.
रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति पद पर अपने चयन को भारतीय लोकतंत्र की महानता बताया. उन्होंने कहा, ‘मुझे यह जिम्मेदारी दिया जाना देश के ऐसे हर व्यक्ति के लिए संदेश भी है, जो ईमानदारी और प्रामाणिकता के साथ अपना काम करता है.
इस पद पर चुना जाना ना मैंने कभी सोचा था, ना ही ही मेरा लक्ष्य था, लेकिन अपने समाज और देश के लिए अथक सेवा भाव मुझे यहां तक ले आया है. यही सेवा भाव हमारे देश की परंपरा भी है. संविधान की रक्षा और संविधान की मर्यादा को बनाये रखना मेरा कर्तव्य है. कोविंद ने अपने पक्ष में मतदान करने वाले जनप्रतिनिधियों को धन्यवाद दिया. उन्होंने पूर्व राष्ट्रपतियों के आदर्शों को भी याद किया.
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