सुप्रीम कोर्ट ने दिया सहारा समूह को अल्टीमेटम
उच्चतम न्यायालय ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय को सहारा सेबी खाते में वायदे के मुताबिक 1500 करोड़ रुपये में से 709.82 करोड़ रुपये जमा कराने लिये आज दस कार्य दिवसों की मोहलत देते हुये उनकी अंतरिम जमानत की अवधि चार जुलाई तक के लिए बढ़ा दी.
जस्टिस दीपक मिश्र और जस्टिस रंजन गोगाई की पीठ ने राय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की इन दलीलों पर विचार किया कि 790.18 करोड़ रुपये पहले ही सेबी सहारा के खाते में जमा कराये जा चुके हैं और उन्हें शेष रकम जमा कराने के लिए दस कार्यदिवस और दे दिए जाए. राय ने इससे पहले 1500 करोड़ रुपये के दो चेक जमा कराए थे और 552.22 करोड़ सेबी के खाते में क्रमश: 15 जून और 15 जुलाई को जमा कराने थे. यह धनराशि जमा नहीं कराए जाने से खिन्न न्यायालय ने 17 अप्रैल को सहारा समूह की महाराष्ट्र में एम्बी वैली की 34000 करोड़ रुपये की संपत्ति बेचने का निर्णय लिया था और राय को न्यायालय में पेश होने का निर्देश दिया था.
सेबी ने कोर्ट को बताया है कि सहारा को करीब 25 हजार करोड़ रुपये देने थे, जिसमें से वह 12 हजार करोड़ रुपये जमा करा चुके हैं, जो कि ब्याज समेत 14 हजार करोड़ हो चुके हैं. अब भी 11169 करोड़ रुपये बकाया है. सहारा की ओर से कहा गया कि वह पैसा लौटाना चाहते हैं और एंबी वैली की नीलामी न की जाए क्योंकि उनके लिए यह एकमात्र आय का साधन है. इसका 40.40 फीसदी हिस्सा कॉपरेटिव सोसाइटी के पास है.
उच्चतम न्यायालय ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय को सहारा सेबी खाते में वायदे के मुताबिक 1500 करोड़ रुपये में से 709.82 करोड़ रुपये जमा कराने लिये आज दस कार्य दिवसों की मोहलत देते हुये उनकी अंतरिम जमानत की अवधि चार जुलाई तक के लिए बढ़ा दी.
जस्टिस दीपक मिश्र और जस्टिस रंजन गोगाई की पीठ ने राय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की इन दलीलों पर विचार किया कि 790.18 करोड़ रुपये पहले ही सेबी सहारा के खाते में जमा कराये जा चुके हैं और उन्हें शेष रकम जमा कराने के लिए दस कार्यदिवस और दे दिए जाए. राय ने इससे पहले 1500 करोड़ रुपये के दो चेक जमा कराए थे और 552.22 करोड़ सेबी के खाते में क्रमश: 15 जून और 15 जुलाई को जमा कराने थे. यह धनराशि जमा नहीं कराए जाने से खिन्न न्यायालय ने 17 अप्रैल को सहारा समूह की महाराष्ट्र में एम्बी वैली की 34000 करोड़ रुपये की संपत्ति बेचने का निर्णय लिया था और राय को न्यायालय में पेश होने का निर्देश दिया था.
सेबी ने कोर्ट को बताया है कि सहारा को करीब 25 हजार करोड़ रुपये देने थे, जिसमें से वह 12 हजार करोड़ रुपये जमा करा चुके हैं, जो कि ब्याज समेत 14 हजार करोड़ हो चुके हैं. अब भी 11169 करोड़ रुपये बकाया है. सहारा की ओर से कहा गया कि वह पैसा लौटाना चाहते हैं और एंबी वैली की नीलामी न की जाए क्योंकि उनके लिए यह एकमात्र आय का साधन है. इसका 40.40 फीसदी हिस्सा कॉपरेटिव सोसाइटी के पास है.
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