MP विधानसभा चुनाव: BJP और कांग्रेस अपने-अपने 'तुरुप के इक्के' तैयार कर रही
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में अब कुछ महीने ही बचे हैं. चुनाव का सियासी घमासान अब दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है. दोनों प्रमुख पार्टियों के खेमों में प्लान पर प्लान और घमासान पर घमासान जारी है. विधानसभा का चुनाव कौन जीतेगा, इसका फैसला होना तो अभी बाकी है. लेकिन सियासी खेमों में बन रहे प्लान पर प्लान और आरोपों के घमासान पर घमासन साबित कर रहे हैं कि लिड़ाई दिलचस्प मोड़ पर पहुंच चुकी है.
दरअसल, एक तरफ बीजेपी है, जिसके नेताओं ने पूरे मध्य प्रदेश को जोन में बांटकर सियासी दौरों से जीत का फॉर्मूला तैयार करने का दावा ठोक दिया है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस है, जिसकी चाल धीमी भले हो लेकिन चल रही है. इसी बीच दोनों पार्टियां अपने-अपने 'तुरुप के इक्के' तैयार करने में लग गई है. जो प्रदेश में चुनाव प्रचार में अग्रणी भूमिका निभाएंगे.
राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल- टिकट बंटवारे से पहले सूबे में सियासी नब्ज टटोल रहे हैं. रामलाल अपने दौरे पूरे करने के बाद रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को सौंपेंगे.
प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे - संभाग प्रावस शुरू चुके हैं.
इस दौरान विनय सहस्त्रबुद्धे सभी 51 जिलों के बीजेपी जिलाध्यक्षों से मुलाकात करेंगे.
प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह- प्रदेश प्रवास पर निकले हैं. इस दौरान संगठन कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से मुलाकात कर पार्टी को एकजुट करने की कवायद है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान- सरकार के सहारे विकास कार्यों की सौगात देकर बीजेपी के लिए मजबूत ज़मीन तैयार कर चुके सीएम शिवराज 14 जुलाई से बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने के इरादे से जनआशीर्वाद यात्रा पर निकल रहे हैं.
इन सबके अलावा खुद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह प्रदेश भर के जिलों का दौरा करने की तैयारी में हैं. बीजेपी को जीत के मुहाने तक ले जाने में अगर उसके वीर जुटे हैं तो तैयारी कांग्रेस के खेमें में भी है.
कांग्रेस
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ- कमलनाथ ने भले अभी ज़मीनी दौरों का दौर शुरू न किया हो लेकिन संगठन को एकजुट करने के लिए उनकी कोशिश जारी है. कमलनाथ के आने के बाद कांग्रेस में गुटबाज़ी के आरोप कम हुए हैं.
चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया- सीएम शिवराज की 14 जुलाई से शुरू हो रही जनआशीर्वाद यात्रा की काट के लिए 11 जुलाई से प्रदेश का दौरा शुरू कर रहे हैं.
दिग्विजय सिंह- समन्वय समिति की जिम्मेदारी संभाल रहे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, एकता यात्रा के जरिए कांग्रेस को एकजुट करने की कवायद में जुटे हैं.
प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया- कांग्रेस के चुनावी अभियान में शामिल होने से पहले से दीपक बावरिया मध्य प्रदेश में सक्रिय हैं. लिहाजा ये माना जा रहा है कि संगठन के कामकाज की मॉनिटरिंग का काम दीपक बावरिया के कंधों पर है. सियासी गणित की ये तस्वीर से इतना तो साफ है कि एमपी में 2018 की लड़ाई पहले से ज्यादा दिलचस्प होने जा रही है. इस लड़ाई का विजेता कौन होगा इसके लिए थोड़ा और इंतजार कीजिए.
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में अब कुछ महीने ही बचे हैं. चुनाव का सियासी घमासान अब दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है. दोनों प्रमुख पार्टियों के खेमों में प्लान पर प्लान और घमासान पर घमासान जारी है. विधानसभा का चुनाव कौन जीतेगा, इसका फैसला होना तो अभी बाकी है. लेकिन सियासी खेमों में बन रहे प्लान पर प्लान और आरोपों के घमासान पर घमासन साबित कर रहे हैं कि लिड़ाई दिलचस्प मोड़ पर पहुंच चुकी है.
दरअसल, एक तरफ बीजेपी है, जिसके नेताओं ने पूरे मध्य प्रदेश को जोन में बांटकर सियासी दौरों से जीत का फॉर्मूला तैयार करने का दावा ठोक दिया है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस है, जिसकी चाल धीमी भले हो लेकिन चल रही है. इसी बीच दोनों पार्टियां अपने-अपने 'तुरुप के इक्के' तैयार करने में लग गई है. जो प्रदेश में चुनाव प्रचार में अग्रणी भूमिका निभाएंगे.
राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल- टिकट बंटवारे से पहले सूबे में सियासी नब्ज टटोल रहे हैं. रामलाल अपने दौरे पूरे करने के बाद रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को सौंपेंगे.
प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे - संभाग प्रावस शुरू चुके हैं.
इस दौरान विनय सहस्त्रबुद्धे सभी 51 जिलों के बीजेपी जिलाध्यक्षों से मुलाकात करेंगे.
प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह- प्रदेश प्रवास पर निकले हैं. इस दौरान संगठन कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से मुलाकात कर पार्टी को एकजुट करने की कवायद है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान- सरकार के सहारे विकास कार्यों की सौगात देकर बीजेपी के लिए मजबूत ज़मीन तैयार कर चुके सीएम शिवराज 14 जुलाई से बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने के इरादे से जनआशीर्वाद यात्रा पर निकल रहे हैं.
इन सबके अलावा खुद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह प्रदेश भर के जिलों का दौरा करने की तैयारी में हैं. बीजेपी को जीत के मुहाने तक ले जाने में अगर उसके वीर जुटे हैं तो तैयारी कांग्रेस के खेमें में भी है.
कांग्रेस
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ- कमलनाथ ने भले अभी ज़मीनी दौरों का दौर शुरू न किया हो लेकिन संगठन को एकजुट करने के लिए उनकी कोशिश जारी है. कमलनाथ के आने के बाद कांग्रेस में गुटबाज़ी के आरोप कम हुए हैं.
चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया- सीएम शिवराज की 14 जुलाई से शुरू हो रही जनआशीर्वाद यात्रा की काट के लिए 11 जुलाई से प्रदेश का दौरा शुरू कर रहे हैं.
दिग्विजय सिंह- समन्वय समिति की जिम्मेदारी संभाल रहे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, एकता यात्रा के जरिए कांग्रेस को एकजुट करने की कवायद में जुटे हैं.
प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया- कांग्रेस के चुनावी अभियान में शामिल होने से पहले से दीपक बावरिया मध्य प्रदेश में सक्रिय हैं. लिहाजा ये माना जा रहा है कि संगठन के कामकाज की मॉनिटरिंग का काम दीपक बावरिया के कंधों पर है. सियासी गणित की ये तस्वीर से इतना तो साफ है कि एमपी में 2018 की लड़ाई पहले से ज्यादा दिलचस्प होने जा रही है. इस लड़ाई का विजेता कौन होगा इसके लिए थोड़ा और इंतजार कीजिए.
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