एकसाथ चुनाव कराने के समर्थन में चार पार्टियां, नौ का विरोध, भाजपा और कांग्रेस की चुप्पी
राजनीतिक दल लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ कराने के मुद्दे पर बंटे हुए हैं. चार राजनीतिक दल जहां इस विचार के समर्थन में हैं, वहीं नौ इसके खिलाफ हैं. हालांकि सत्ताधारी भाजपा और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस विषय पर विधि आयोग की ओर से आयोजित परामर्श प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया.
एकसाथ चुनाव कराने के मुद्दे पर दो दिवसीय परामर्श प्रक्रिया के अंत में राजग सहयोगी दल शिरोमणि अकाली दल के अलावा, अन्नाद्रमुक, सपा और टीआरएस ने इस विचार का समर्थन किया. यद्यपि भाजपा के सहयोगी दल गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने इस विचार का विरोध किया, वहीं तृणमूल कांग्रेस, आप, द्रमुक, तेदेपा, भाकपा, माकपा, फॉरवर्ड ब्लॉक और जदएस ने भी इसका विरोध किया. सपा, टीआरएस, आप, द्रमुक, तेदेपा, जदएस और ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने विधि आयोग से मुलाकात की और अपने विचार रखे.
सपा का प्रतिनिधित्व राम गोपाल यादव ने किया. सपा ने इस विचार का समर्थन किया. यद्यपि यादव ने स्पष्ट किया कि पहला एकसाथ चुनाव 2019 में होना चाहिए जब 16वीं लोकसभा का कार्यकाल समाप्त होगा. यदि एकसाथ चुनाव 2019 में हुआ तो उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की भाजपा सरकार का कार्यकाल छोटा होगा. आम आदमी पार्टी के नेता आशीष खेतान ने विधि आयोग से कहा कि एकसाथ चुनाव लोगों को एक सरकार बनाने से दूर रखने की एक ‘चाल’ है क्योंकि यदि दोनों चुनाव साथ हुए तो सदनों का कार्यकाल बढ़ाया जाएगा.
राजनीतिक दल लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ कराने के मुद्दे पर बंटे हुए हैं. चार राजनीतिक दल जहां इस विचार के समर्थन में हैं, वहीं नौ इसके खिलाफ हैं. हालांकि सत्ताधारी भाजपा और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस विषय पर विधि आयोग की ओर से आयोजित परामर्श प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया.
एकसाथ चुनाव कराने के मुद्दे पर दो दिवसीय परामर्श प्रक्रिया के अंत में राजग सहयोगी दल शिरोमणि अकाली दल के अलावा, अन्नाद्रमुक, सपा और टीआरएस ने इस विचार का समर्थन किया. यद्यपि भाजपा के सहयोगी दल गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने इस विचार का विरोध किया, वहीं तृणमूल कांग्रेस, आप, द्रमुक, तेदेपा, भाकपा, माकपा, फॉरवर्ड ब्लॉक और जदएस ने भी इसका विरोध किया. सपा, टीआरएस, आप, द्रमुक, तेदेपा, जदएस और ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने विधि आयोग से मुलाकात की और अपने विचार रखे.
सपा का प्रतिनिधित्व राम गोपाल यादव ने किया. सपा ने इस विचार का समर्थन किया. यद्यपि यादव ने स्पष्ट किया कि पहला एकसाथ चुनाव 2019 में होना चाहिए जब 16वीं लोकसभा का कार्यकाल समाप्त होगा. यदि एकसाथ चुनाव 2019 में हुआ तो उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की भाजपा सरकार का कार्यकाल छोटा होगा. आम आदमी पार्टी के नेता आशीष खेतान ने विधि आयोग से कहा कि एकसाथ चुनाव लोगों को एक सरकार बनाने से दूर रखने की एक ‘चाल’ है क्योंकि यदि दोनों चुनाव साथ हुए तो सदनों का कार्यकाल बढ़ाया जाएगा.
No comments:
Write comments