अब पढ़ाने
के लिए पीएचडी होना जरूरी UGC का नया नियम
यूनिवर्सिटी
ग्रांट कमीशन (UGC) ने
यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में टीचरों की भर्ती व प्रमोशन के लिए न्यूनतम योग्यता
को लेकर नए नियम जारी कर दिए हैं. इन नए नियमों के मुताबिक अब पीएचडी को अनिवार्य
कर दिय गया है. साथ ही पीएचडी और एमफिल कर रहे स्टूडेंट को भी भत्ता मिलेगा. ऐसा
उच्च शिक्षा के स्टैंडर्ड को बनाए रखने के लिए किया गया है. UGC को उम्मीद है कि इससे कॉलेज और विश्वविद्यालयों
में अच्छे व टैलेंटेड टीचरों को बनाए रखने और आकर्षित करने में मदद मिलेगी.
UGC ने
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कॉलेज
और यूनिवर्सिटी में टीचरों की भर्ती व प्रमोशन को लेकर UGC ने जो नए नियम जारी किए हैं वे इस
प्रकार हैं:
1. टीचरों
को 2010 के
रेग्यूलेशन के तहत मिलने वाले इंसेंटिव जारी रहेंगे. हालांकि अब एमफिल और पीएचडी
स्कॉलर्स को भी इंसेंटिव मिलेंगे.
2. पर्फार्मेंस
बेस्ड अप्रेजल सिस्टम (PBAS) पर आधारित API को खत्म कर दिया गया है. इसके बदले
ग्रेडिंग सिस्टम लागू किया गया है और रिसर्च आउटपुट को बेहतर बनाने के लिए विश्वविद्यालयों
के लिए रिसर्च स्कोर जोड़ा गया है.
3. CAS (करियर
एडवांसमेंट स्कीम) के तहत यूनिवर्सिटी के टीचरों के प्रमोशन के लिए रिसर्च को
आधार बनाया जाएगा. वहीं कॉलेजों के टीचरों के प्रमोशन में CAS टीचिंग पर ज्यादा ध्यान देगा.
4. विश्व
के टॉप 500
यूनिवर्सिटीज़ से पीएचडी किए हुए लोगों की बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति हो
सकेगी.
5. नए
भर्ती हुए असिस्टेंट प्रोफेसरों के लिए एक महीने का इंडक्शन प्रोग्राम होगा.
यूजीसी
देशभर के विश्वविद्यालयों में परीक्षा पैटर्न में करेगा बदलाव
6. पीएचडी
होने पर ही असिस्टेंट प्रोफेसर का प्रमोशन होगा. इसी तरह असिस्टेंट प्रोफेसर पद
पर सीधी भर्ती के लिए पीएचडी को अनिवार्य कर दिया गया है. ये नियम 1 जुलाई 2021 से लागू होंगे.
7. MOOCs (स्वयं)
और ई-कॉन्टेंट में योगदान देने वाले टीचरों को CAS में वरियता दी जाएगी.
8. विश्वविद्यालयों
में वर्तमान में स्वीकृत 10 फीसदी टीचरों को सीनियर प्रोफेसर बनाया जाएगा.
सीनियर प्रोफेसर की नियुक्ति डायरेक्ट भी हो सकती है और CAS के जरिए प्रमोशन मिलने के बाद भी पद
भरे जा सकते हैं.
9. पीएचडी
और एमफिल स्कॉलर्स को गाइड करने के लिए कॉलेज टीचरों को जरूरत के हिसाब से
सुविधाएं दी जाएंगी.
ओलंपिक,
एशियन गेम्स और
कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीतने वालों के लिए स्पेशल कैटगरी बनाई गई है. इसके
तहत मेडल जीतने वालों को असिस्टेंट डायरेक्टर, कॉलेज डायरेक्टर, डिप्टी डायरेक्टर के लिए योग्य माना
जाएगा. इसका मकसद यूनिवर्सिटी और कॉलेज में खेलों को बढ़ावा देना है.
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