Friday, 15 June 2018

भय्यू महाराज की मौत भी तल्खी कम नहीं कर पाई


भय्यू महाराज की मौत भी तल्खी कम नहीं कर पाई

अपनी दूसरी शादी के बाद पत्नी और बेटी के बीच चल रहे विवाद से आहत भय्यू महाराज जान देकर भी पत्नी आयुषी और बेटी कुहू को एक धारा में नहीं ला सके। उनकी मौत के बाद भी दोनों के बीच तल्खी कायम रही। सिल्वर स्प्रिंग स्थिति घर पर मंगलवार दोपहर से बुधवार सुबह तक दोनों अलग-अलग कमरों में ही रहीं। यहां तक कि उनके बीच विवाद न हो जाए, इसलिए महिला पुलिसकर्मी कमरों के बाहर तैनात की गईं। बुधवार सुबह भी जब भय्यू महाराज का पार्थिव शरीर दर्शनों के लिए सूर्योदय आश्रम में रखा गया था तब भी सुबह से दोपहर तक आयुषी और कुहू दोनों उनके सिरहाने बैठी रहीं। दोनों के बीच न कोई बात हुई न दु:ख की इस घड़ी में उन्होंने एक-दूसरे के ढाढ़स बंधाया। आयुषी अपने परिजन और आश्रम के सेवादारों के बीच थी तो कुहू अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ थी।
हजारों ने नम आंखों से दी विदाई
भय्यू महाराज की अंतिम यात्रा में इंदौर सहित महाराष्ट्र, गुजरात से आए हजारों गुरुभक्त शामिल हुए। भावुक भक्तों ने 'भय्यू महाराज अमर रहे' और 'जब तक सूरज चांद रहेगा भय्यूजी का नाम रहेगा' जैसे नारे लगाए गए। उनके अंतिम दर्शन के लिए महाराष्ट्र के कई राजनेता भी पहुंचे। प्रदेश से लेकर केंद्र तक की राजनीति में खासा दखल रखने के बावजूद राष्ट्रीय संत को श्रद्धांजलि देने प्रदेश सरकार का कोई मंत्री नहीं पहुंचा, न ही राजकीय सम्मान के साथ उन्हें विदाई दी गई।

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