1
फरवरी, 2018 से
होगा अंतर-राज्यीय ई-वे बिल अनिवार्य
नई दिल्ली केन्द्रीय वित्त और कंपनी
कार्यमंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 24वीं बैठक आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के
ज़रिए संपन्न हुई। इसमें देश में ई वे बिल प्रणाली लागू करने के बारे में विचार
किया गया। राष्ट्रीय ई वे बिल प्रणाली तैयार होने तक राज्यों को अधिकृत किया
गया। वे स्वयं की पृथक ई वे बिल प्रणालियां इस्तेमाल करते रहें। परन्तु, व्यापार और परिवहन के प्रतिनिधियों ने
कहा कि इससे सामान की अंतर-राज्यीय ढुलाई में अनावश्यक कठिनाइयां आती हैं। अखिल
भारतीय ई-वे बिल प्रणाली शीघ्र लागू करना अत्यन्त आवश्यक है। जीएसटी परिषद ने
आज अखिल भारतीय ई-वे बिल प्रणाली शीघ्र लागू करने के लिए अपेक्षित हार्डवेयर और
सॉफ्टवेयर तैयार करने के काम की प्रगति की समीक्षा की।
-राज्यों
के साथ विचार विमर्श के बाद निम्नांकित निर्णय किए गए-
i) राष्ट्रीय
ई-वे प्रणाली ट्रायल के आधार पर चालू करने के लिए 16 जनवरी, 2018 तक
तैयार हो जायेगी। व्यापार और परिवहन जगत इस प्रणाली को स्वैच्छिक रूप से 16 जनवरी, 2018 से अपना सकेंगे।
ii) यह
निर्णय किया गया कि 1
फरवरी, 2018 से
अंतर-राज्यीय ई-वे बिल अनिवार्य रूप से लागू करने के लिए अधिसूचित कर दी जायेगी।
इससे राज्यों के बीच माल की ढुलाई बिना की रूकावट के सुचारू रूप से हो सकेगी।
iii) देश
में पहली जून, 2018 से
अंतर-राज्यीय और अंत: राज्यीय मूवमेंट के लिए एक समान ई-वे बिल प्रणाली लागू की
जायेगी।
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