Tuesday, 1 August 2017

एमपीयूडीसी की सीवरेज योजना देश में उदाहरण होगी

एमपीयूडीसी की सीवरेज योजना देश में उदाहरण होगी

प्रदेश के नगरों में विश्व बैंक से सहायता प्राप्त मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट में 6 नगरों में जल-प्रदाय एवं 16 नगरों की मल-निकासी योजनाओं का कार्य किया जाना है। इन 16 जल-निकासी योजनाओं में से 11 योजनाएँ नर्मदा नदी के तट के समीप स्थित नगरों की हैं। योजना की वित्तीय सहायता के लिये विश्व बैंक एवं राज्य शासन के मध्य अनुबंध किया जा चुका है।

मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कम्पनी द्वारा दो-दिवसीय कार्यशाला के शुभारंभ पर प्रमुख सचिव, नगरीय विकास एवं आवास विभाग  मलय वास्तव ने सीवरेज योजनाओं की जटिलताओं के संबंध में बताते हुए नागरिकों, जन-प्रतिनिधियों तथा सभी संभावित सहभागियों को विश्वास में लेकर कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सीवरेज योजनाओं के क्रियान्वयन के दौरान शहर में विभिन्न स्थानों पर योजना के नक्शे दर्शाए जायें।

विश्व बैंक से इस योजना के टॉस्क टीम लीडर  उरी राइच ने कहा कि नगरीय निकायों को योजना का स्वामित्व लेते हुए कार्य करना होगा। साथ ही निकायों में सुधार कार्य भी आवश्यक हैं, ताकि विश्व बैंक की सहायता से क्रियान्वित की जाने वाली ये योजनाएँ भविष्य में सुचारु रूप से कार्यरत रहें।

आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा प्रबंध संचालक, म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट कम्पनी  विवेक अग्रवाल ने कहा कि इस आयोजन में अधिकांशत: सीवरेज योजनाएँ प्रस्तावित की गयी हैं। इनमें नर्मदा नदी के संरक्षण के उद्देश्य से अमरकंटक, महेश्वर, मण्डलेश्वर, नसरुल्लागंज, बुदनी, शाहगंज, ओंकारेश्वर, भेड़ाघाट, नेमावर एवं धरमपुरी नगर सम्मिलित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि इन नगरों में सीवरेज योजना का क्रियान्वयन इतना सुनियोजित किया जाये कि सम्पूर्ण देश में यह उदाहरण हो।  अग्रवाल ने कहा कि एमपीयूडीसी तथा नगरीय निकाय एक साथ मिलकर कार्य करें।  आर.के. व्यास, प्रमुख अभियंता द्वारा योजना की जानकारी दी गयी।

कार्यशाला में  मोहित बुंदस, अतिरिक्त आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास, विश्व बैंक से  अभिजीत रे, पूनम अहलूवालिया,संगीता पटेल तथा नगरीय निकायों के जन-प्रतिनिधि तथा अधिकारी एवं एमपीयूडीसी के अधिकारी उपस्थित थे।

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