राज्य युवा उत्सव के समापन पर खेल और युवा कल्याण मंत्री ने किया कलाकारों को पुरस्कृत
राजधानी में आयोजित दो दिवसीय राज्य-स्तरीय युवा उत्सव का आज समापन हुआ। प्रशासन अकादमी के सभागार में आयोजित समापन समारोह की मुख्य अतिथि प्रदेश की खेल और युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने विभिन्न विधाओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान अर्जित करने वाले कलाकारों को पुरस्कृत किया। इस अवसर पर सचिव खेल सचिन सिन्हा, संचालक खेल और युवा कल्याण उपेन्द्र जैन सहित विभागीय अधिकारी और प्रदेश के सात संभागों से आए कलाकार एवं उनके परिजन मौजूद थे।
समापन समारोह को संबोधित करते हुए खेल और युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि कला के क्षेत्र में ग्रामीण प्रतिभाओं को निखारने और उन्हें कला प्रदर्शन का पर्याप्त अवसर दिलाने के उद्देश्य से युवा उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अधिकतम कलाकारों को प्रतिभा प्रदर्शन का अवसर दिलाने के लिए वर्ष में एक बार होने वाले युवा उत्सव को दो बार आयोजित करने का निर्णय लिया गया। आवश्यकता महसूस होती है तो इसे वर्ष में तीन बार आयोजित किया जायेगा और प्रतिभाओं को पर्याप्त अवसर दिलाने के हर संभव प्रयास किए जायेगें। उन्होंने युवा कलाकारों को उनकी प्रतिभा में निखार लाने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि राष्ट्रीय युवा महोत्सव में मध्यप्रदेश को सर्वाधिक मैडल मिले यही हमारा लक्ष्य होना चाहिए।
संचालक खेल और युवा कल्याण उपेन्द्र जैन ने स्वागत उदबोधन में कहा कि प्रदेश की प्रतिभाओं को पर्याप्त अवसर दिलाने के लिए खेलमंत्री जी की प्रेरणा और पहल पर युवा उत्सव का आयोजन वर्ष में दो बार किया जा रहा है। उन्होंने युवा उत्सव में भागीदारी करने वाले कलाकारों को राष्ट्रीय युवा उत्सव में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर पदक जीतने के लिए प्रोत्साहित किया।
युवा उत्सव के दूसरे दिन आज प्रशासन अकादमी में कलाकारो द्वारा लोकगीत की प्रस्तुति दी गई। जिसमें ग्वालियर संभाग के कलाकारों ने मैय्या की आराधना में गाए जाने वाले 'बुंदेलखंड़ी लोकगीत' प्रस्तुत किया। सागर संभाग के कलाकारों ने भी बुंदेलखण्ड के पारम्परिक 'विर्रागीत' की प्रस्तुति दी। भोपाल संभाग के कलाकारों द्वारा राजस्थानी लोकगीत तथा इंदौर संभाग के कलाकारों ने सामूहिक निमाड़ी लोकगीत पेश किया। जबलपुर संभाग के कालाकारों द्वारा 'घिर आई घटा घनघोर सांवरिया' पर लांगुरिया लोकगीत प्रस्तुत किया गया। इसी तरह रीवा संभाग के कलाकारों द्वारा 'सावन पर केन्द्रित लोकगीत प्रस्तुत किया गया। उज्जैन संभाग के कलाकारों ने 'म्हारी हवेली का कवेलु उड़ावेगा ओजी देश परायो रईवर आवेगा' ने लोकगीत प्रस्तुत किया। इसी तरह मानस भवन में कलाकारों द्वारा वकृत्व कला का शानदार प्रदर्शन किया गया।
युवा उत्सव के परिणाम
लोकगीत में रीवा संभाग के कलाकार प्रथम स्थान पर रहे जबकि भोपाल संभाग को द्वितीय और उज्जैन संभाग को तृतीय स्थान हासिल हुआ। एकांकी नाटक में इंदौर संभाग प्रथम, ग्वालियर संभाग द्वितीय और सागर संभाग तृतीय स्थान पर रहा। लोकनृत्य में रीवा संभाग ने पहला, उज्जैन ने दूसरा और सागर संभाग ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
इसी तरह वकृत्व कला में सागर संभाग की सोनिया यादव को प्रथम, रीवा संभाग के सिद्धार्थ वास्तव को द्वितीय और भोपाल संभाग के कलाकार अमरदीप मालेकर को तृतीय स्थान हासिल हुआ। कत्थक नृत्य में इंदौर संभाग के शुभम सिकरवार ने पहला, जबलपुर की अंकिता गिनारा ने दूसरा और भोपाल संभाग की इशिता लाल ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। भरत नाट्यम में भोपाल की हर्षिता शुक्ला पहले, रीवा की शिवांगी दूसरे और इंदौर संभाग की निहारिका जोशी तीसरे स्थान पर रही। वीणा वादन में भोपाल संभाग के निनाद अधिकारी ने पहला स्थान अर्जित किया। इसी तरह सितार वादन में प्रथम स्थान पर ग्वालियर के आकाश माहोर, द्वितीय स्थान पर सागर की भारती सोनी और तीसरे स्थान पर जबलपुर की ओजस्वनी तिवारी रही। हारमोनियम में उज्जैन संभाग के रोहित परिहार पहले, भोपाल संभाग के अजय वंशकार दूसरे और सागर संभाग के अर्जुन वर्मा तीसरे स्थान पर रहे। बांसुरी वादन में राकेश सातनकर (भोपाल) को पहला, सोहम दाते (इंदौर) को दूसरा और अजय सोनी (ग्वालियर) को तीसरा स्थान मिला। गिटार वादन में भावना सोनी (सागर) ने प्रथम, आकांक्षा कांसकर (भोपाल) ने द्वितीय और अंकित शर्मा (जबलपुर) ने तृतीय स्थान अर्जित किया। तबला वादन में भोपाल संभाग के कलाकार मोहम्मद शमी ने प्रथम, ग्वालियर संभाग के सद्दाम वार्सी ने द्वितीय और इंदौर संभाग के पवन सेम ने तृतीय स्थान हासिल किया।
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