Tuesday, 8 August 2017

रक्षाबंधन पर्व पर लिया देश संस्कृति पर्यावरण परिवार एवं आत्म रक्षा का संकल्प

रक्षाबंधन पर्व पर लिया देश संस्कृति पर्यावरण परिवार एवं आत्म रक्षा का संकल्प
भारत भारती आवासीय विद्यालय में रक्षाबंधन पर्व मनाया गया कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के पूजन एवं वंदन के साथ हुआ कारक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में भारत भारती शिक्षा समिति के सचिव श्री मोहन नगर, विद्यालय के प्राचार्य श्री राहुल देव ठाकरे एवं छात्रावास अधीक्षक श्री श्री राम झाला उपस्थित थे छात्रों को इस पर्व का महत्व बताते हुए श्री मोहन नागर अपने उद्बोधन में कहा कि रक्षाबंधन पर्व भारतीय परंपरानुसार हजारों वर्षों से मनाया जा रहा है यह पर्व केवल भाई बहन का पर्व नहीं है बल्कि भारती संस्कृति में इसका बहुत व्यापक महत्व है यह परस्पर रक्षा का पर्व है परंपरा अनुसार इस पर्व पर घर के दरवाजे,पलंग,वाहन,देवस्थान जैसे अनेकों स्थानों पर राखी बांधते हैं एवं रक्षा का वचन लेते हैं समय के साथ भारतीय पर्व एवं त्योहारों में कुछ रूडिय़ा व्याप्त हो गई हैं जिन्हें बदलना चाहिए, हमें इस पर्व के महत्व को समझना होगा एवं इस पर्व को युगानुकूल बनाना होगा एवं यह नई पीढ़ी ही कर सकती है आज के दिन हम देश और समाज में जो संकट हैं उनकी रक्षा का संकल्प लें हमारी संस्कृति व धर्म 5000 वर्षों से भी पुराना है जिसकी हमें रक्षा करनी होगी क्योंकि रक्षा के अभाव में कई देशों की संस्कृति समाप्त हो गई।
श्री नागर बताया कि भारत में हजारों वर्षों से मानयताऐं जीवित है हम आज भी राम और कृष्ण के जीवन को प्रेरणा मानकर ही जीवन जीतेे हैं हमारे यहां सर्वे भवंतु सुखिना की कामना करते हैं ,हमारे धर्म में सभी की रक्षा की संस्कृति है परंतु आज हमारे धर्म व संस्कृति संकट में है। आज व्यक्ति सिर्फ अपना ही हित देख रहे हैं दूसरों की रक्षा करने की संस्कृति हो समाप्त रही है इसलिए आज हम अपनी संस्कृति की रक्षा का संकल्प लें। साथ ही पर्यावरण मैं भी संकट उत्पन्न है सारी दुनिया इस से चिंतित है। प्रदूषण इतना बढ़ रहा है जिससे आने वाली पीढिय़ों को प्राण वायु तक नहीं मिल पाएगी इसलिए आज पर्यावरण की रक्षा का भी संकल्प लें। साथ ही राष्ट्र रक्षा का भी संकल्प ले श्री नागर जी ने बताया कि राष्ट्र की अर्थव्यवस्था राष्ट्र की शक्ति होती है हमारे देश का अर्थ तंत्र मजबूत हो यह हम सबका दायित्व है हमको अपने देश में निर्मित वस्तुओं को ही खरीदना चाहिए जिससे हमारे देश की पूंजी हमारे देश में ही रहेगी और हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। जिससे हम भी देश रक्षा में सहयोगी बन पाएंगे। तात्कालिक परिस्थितियों पर भी प्रकाश डालते हुए श्री नागर ने बताया कि चीन ने आज भारत में व्यापार पर कब्जा कर रखा है हर एक छोटी से छोटी वस्तु का निर्माण कर भारत में बेच रहा है जबकि चीन ने हमारे देश की सैकड़ों एकड़ जमीन पर पूर्व में ही कब्जा कर रखा है एवं अभी भी लगातार सीमा पर तनाव उत्पन्न कर रहा है और इसका कारण केवल चाइना की अर्थ व्यवस्था है जो भारत के व्यापार के कारण संपन्न है अगर हम संकल्प लें कि चीन मे निर्मित वस्तुएं नहीं खरीदेंगे तो हम परोक्ष रूप में देश की रक्षा में सहयोगी बन रहे हैं। अत: हम आज स्वदेशी अपनाने का भी संकल्प लें। अंत में सभी छात्र छात्राओं एवं शिक्षक गणों ने देश संस्कृति पर्यावरण परिवार एवं आत्म रक्षा का संकल्प लिया एवं वृक्षों को राखी बांध कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया।

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