तारीख बदलते ही देश में ‘गुड एंड सिंपल टैक्स’ लागू
अब एक देश , एक कर प्रणाली
भोपाल। राहुल चौकसे/रोशन नेमा
रात बारह बजे घड़ी की सुइयां एक होते ही देश में एक ही कर प्रणाली ‘जीएसटी’ लागू हो गयी।
चौदह
सालों से जीएसटी लागू करने की कवायद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बटन
दबाते ही खत्म हो गयी। संसद के सेंट्रल हॉल में हुए कार्यक्रम में
राष्ट्रपति ने इसे व्यक्तिगत सफलता भी बताया।
बटन दबाते ही दिखे खुशहाल चेहरे:
भाषण के बाद बटन दबाकर जीएसटी बिल पेश किया गया। जिसमें देश के हर कोने से
खुशहाल चेहरे वाले वीडियो दिखाया गया। इसमें जीएसटी को ‘गुड्स एंड सिम्पल
टैक्स’ बताया गया है।
बिल लागू करने से पूर्ण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने को जीएसटी एक लंबी
विचार प्रक्रिया का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि यह ठीक वैसे ही है जैसे
पूर्व में महान नेता मिलकर बीच का रास्ता निकालते थे। इसे बेस्ट ब्रेन्स ऑफ
कंट्री ने मिलकर लाया है। यह टीम इंडिया के सामर्थ्य का परिचायक है व
कॉपरेटिव फेडरलिस्म की शुरुआत है। जीएसटी कौंसिल की अठारह बैठकों के बात
लागू हुआ है । गीता के अठारह अध्याय होना भी एक संयोग है। इसे अथाह
पुरुषार्थ और परिश्रम के दम पर लाया गया है।मोदी ने अपने अभिभाषण में
चाणक्य के सूक्त से कठिन परिश्रम से प्राप्त करने की बात भी कही।
आर्थिक एकीकरण हुआ, 500 कर खत्म:
मोदी ने बताया कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने 500 से ज्यादा रियासतों के
एकीकरण का काम किया था। आज आर्थिक एकीकरण का कार्य हो रहा है। उनतीस राज्य
और सात केंद्र शाषित राज्यों के कुल मिलाकर 500 के करीब टैक्स खत्म हो गए।
आइंस्टाइन ने टैक्स को सबसे जटिल बताया था। वो होते तो इतने टैक्स के बारे
में क्या सोचते? दिल्ली आए लगे प्रदेशों में अलग-अलग भाव होते थे। अब भाव
के कंफ्यूजन खत्म हो जाएंगे। पर्यावरण संरक्षण भी होगा। ऑक्टरोई टोल नाकों
पर वाहन नहीं फसेंगे। ईंधन कम जलेगा। यह व्यवस्था पारदर्शी और सरल है। काला
धन रुकेगा और ईमानदारी को बढ़ावा मिलेगा। इंस्पेक्टर राज , अफसरशाही से
परेशानियों से निजात मिलेगी। तकनीकी होने यह संभव हुआ। नई व्यवस्था से
गरीबों को लाभ मिलेगा। लंबवत और दण्डवत विकास होगा। कच्चा और पक्का बिल की
दिक्कत खत्म होगी। मोदी ने यह माना कि हर कोई तकनीकी रूप से सक्षम नहीं है।
पर परिवार में कोई न कोई दसवीं पास तो होता है। अफवाहों के बाजार को न
फैलाएं। भारत मे पूंजी निवेश करने वालों के लिए यह अच्छा डेस्टिनेशन बनेगा।
देश के व्यापार को संतुलन मिलेगा। पिछड़े राज्यों को देश मे विकास के बड़े व
समान अवसर मिलेगा। जीएसटी एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें राज्य और देश मिलकर
चलेंगे। न्यू इंडिया की सपने में जीएसटी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
लोकमान्य तिलक की पुस्तक गीता रहस्य का उद्धरण किया। जीएसटी वे ऑफ डूइंग
बिज़नेस को दिशा दे रहा है। यह ‘गुड एंड सिंपल टैक्स’ है। टैक्स पर टैक्स
नहीं लगने के कारण यह सिंपल टैक्स है। राष्ट्रपति ने इसके हर पहलू को जाना
उनका मार्गदर्शन मिला। मोदी ने अपने भाषण में यह भी माना कि नई व्यवस्था
लागू करने में दिक्कत आतीं हैं। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने जीएसटी लागू
करने से पूर्व कहा कि एकीकृत कर व्यवस्था का देश गवाह बनेगा। व्यक्तिगत
रूपसे यह मेरे लिए भी सुखदायी व सफलता का क्षण है। 22 मार्च 2012 को मैंने
बिल पेश किया था। चौदह साल बाद यह अवसर आया है। सभी दलों ने अपना सहयोग
दिया है।
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