कैलारस सहकारी शक्कर कारखाने को पुन: शुरू करने के लिये किसानों से चर्चा कर निर्णय लिया जायेगा - मुख्यमंत्री चौहान
मुख्यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मुरैना जिले के कैलारस सहकारी शक्कर
कारखाने के संबंध में क्षेत्रीय विधायक और संभागायुक्त किसानों से चर्चा कर
सहमति बनायें। इसके बाद इस सहकारी शक्कर कारखाने को पुन: शुरू करने के
लिये कार्रवाई की जाये। मुख्यमंत्री चौहान ने यह निर्देश आज यहाँ इस संबंध
आयोजित बैठक में दिये। बैठक में वित्त मंत्री जयंत मलैया भी उपस्थित थे।
बैठक
में बताया गया कि यह सहकारी शक्कर कारखाना वर्ष 2011-12 से बंद है।
क्षेत्रीय किसानों ने इसे फिर शुरू कराने की माँग की है। सहकारिता विभाग
द्वारा बताया गया कि इसे फिर शुरू करने के लिये खाद्य प्रसंस्करण विभाग को
देकर निजी क्षेत्र में देना होगा। इसके साथ ही सदस्य किसानों के गन्ना
उत्पादन को लेने को प्राथमिकता दी जायेगी। राष्ट्रीय गन्ना कारखाना संघ ने
सुझाव दिया है कि इस कारखाने को पुन: चलाने के लिये इसकी क्षमता बढ़ाना होगी
तथा यहाँ 12 मेगावॉट का विद्युत संयंत्र स्थापित करना होगा जिसमें करीब 96
करोड़ रुपये की लागत आयेगी।
इस अवसर पर बैठक में विधायक सत्यपाल
सिंह सिकरवार ‘नीटू’, मुख्य सचिव बी.पी.सिंह, अपर मुख्य सचिव वित्त
ए.पी.वास्तव, कृषि उत्पादन आयुक्त पी.सी. मीणा, प्रमुख सचिव कृषि डॉ.
राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव सहकारिता अजीत केशरी, मुख्यमंत्री के प्रमुख
सचिव द्वय अशोक वर्णवाल एवं एस.के.मिश्रा, आयुक्त सहकारिता कवीन्द्र
कियावत, संभागायुक्त मुरैना शिवानंद दुबे उपस्थित थे।
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