फ्रिज से जला 27 मंजिला टावर, बच्चों को 10th फ्लोर से फेंका गया
ब्रिटेन
की राजधानी लंदन में 27 मंजिला टावर में मंगलवार रात 1:30 बजे (लंदन के
वक्त के मुताबिक) आग लग गई। आग बड़ी ही तेजी से सभी मंजिलों पर फैल गई।
इसमें 6 लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 जख्मी हैं। ब्रिटिश मीडिया के
मुताबिक, ग्रेनफेल टावर के बाहर खड़े रेजिडेंट्स ने कहा कि एक फ्लैट में
रखे फ्रिज में ब्लास्ट हुआ। इसी से 15 मिनट में आग सारी मंजिलों पर फैल गई।
लंदन की फायर सर्विस इस पहलू की जांच कर रही है। चश्मदीदों के मुताबिक, आग
से बचाने लिए कुछ पैरेंट्स ने बच्चों को 10th फ्लोर से फेंक दिया। इनमें
से कुछ बच्चे बचा लिए गए। अंदर फंसे लोगों ने बेडशीट्स बांधकर निकलने की
कोशिश की। कई लोग अभी भी ऊपरी मंजिलों में फंसे हैं। कुछ मदद के लिए चीखते
देखे गए। कुछ ने मदद के लिए सफेद कपड़े भी लहराए। आग लगने की 3 थ्योरी...
1 फ्रिज में ब्लास्ट -
समीरा लामरानी (38) ने न्यूज एजेंसी एपी को बताया, "चश्मदीदों ने एक शख्स
को ये कहते सुना कि उसके पड़ोसी के खराब फ्रिज की वजह से आग लगी है। जब में
यहां आई तो वो टॉवर के बाहर ही खड़ा था। वो इस बात को लेकर आश्चर्यचकित था
कि आग इतनी जल्दी कैसे फैल गई। मैंने उसे ये कहते हुए सुना कि उसने (टॉवर
में रहने वाले ने) फ्रिज में ब्लास्ट के बाद तुरंत इमरजेंसी सर्विस को कॉल
किया था और उन्होंने भरोसा दिलाया था कि सबकुछ ठीक रहेगा।
2 खराब वायरिंग -
ग्रेनफेल एक्शन ग्रुप हमेशा ये दावा करता रहा है कि ये इमारत सुरक्षित
नहीं है। पिछले साल नवंबर में ग्रुप ने कहा था, "कोई विनाशकारी घटना ही
यहां की खामियों को उजागर कर सकती है।" ग्रुप ने जिन समस्याओं का जिक्र
किया था, उनमें से एक खराब वायरिंग भी थी। - 20 नवंबर को ग्रुप ने एक
ब्लॉग पोस्ट में लिखा था, "3013 में इस इमारत में बड़ी आगजनी की घटना
होते-होते रह गई थी। तब यहां रहने वालों ने पावर सप्लाई की बड़ी मुश्किल का
सामना किया था, जो खराब वायरिंग के चलते सामने आई थी।
3 गलत मटेरियल का इस्तेमाल - इस बिल्डिंग की क्लैडिंग (कवरिंग या आवरण) में जिंक रेनस्क्रीन और ग्लेज्ड कर्टन्स का इस्तेमाल किया गया। -
सेफ्टी एक्सपर्ट ग्राहम फील्डहाउस ने बीबीसी को बताया, "चश्मदीदों के
मुताबिक पूरी बिल्डिंग तक आग पहुंचने में महज 15 मिनट लगे। हो सकता है कि
ऐसा बिल्डिंग में इस्तेमाल किए गए गलत मटेरियल के चलते हुआ। अक्सर हम लोग
फ्लैट के अंदर लगी आग की मुश्किल से निपटते हैं, लेकिन यहां बाहर लगी आग ने
मुश्किल खड़ी की। कुछ इसी तरह की आग 2009 में लेकेनल हाउस में लगी थी।" बिल्डिंग से बच्चों को फेंका, कहा- बचा लो -
चश्मदीद समीरा ने ब्रिटिश मीडिया से कहा, "कई लोग खिड़कियों पर दिखाई दे
रहे थे। मैंने देखा एक बच्चे को 9th या 10th फ्लोर से फेंका गया। एक खिड़की
पर एक महिला अपने बच्चे को फेंकने वाली थी ताकि कोई उसके बच्चे को बचा ले।
एक आदमी ने ऐसा ही किया, उसके बच्चे को नीचे पकड़ लिया गया।" - माइकल
परमासिवन नाम के एक चश्मदीद ने कहा, "मैंने एक महिला से बात की, जो 21st
फ्लोर पर रहती थी। आग लगने पर वो अपने 6 बच्चों के साथ सीढ़ियों से नीचे
भागी, लेकिन नीचे तक 4 ही बच्चे आ पाए।" - तमारा ने कहा, "लोग अपने बच्चों को बचाने के लिए खिड़की से फेंक रहे थे। वो केवल यही चिल्ला रहे थे- बस मेरे बच्चे को बचा लो।" बचने के लिए खिड़की से कूद गए लोग- चश्मदीद -
30 साल की डाना अली पेरेंट्स मारिया और खालिद के साथ 10th फ्लोर पर फंसी
थीं। उन्होंने बताया कि हम लिविंग रूम में थे। सभी विंडो और दरवाजे बंद कर
दिए ताकि धुआं अंदर न आ पाए। - एक चश्मदीद ने बताया कि टावर के ऊपरी मंजिल में फंसे लोग मदद के लिए टॉर्च दिखाई दिए। लोग मदद के लिए चीख रहे थे। -
दूसरे शख्स ने कहा- इस घटना ने 9/11 आतंकी हमले की याद दिला दी। इस हादसे
में कई लोगों के मरने की आशंका है। कुछ लोगों को मैंने खिड़की से कूदते
देखा। - आईविटनेसेस ने बताया कि टावर की ऊपरी मंजिल पर फंसे लोग मदद के
लिए चिल्ला रहे थे। कुछ लोग सफेद कपड़ा हिलाकर मदद की गुहार लगा रहे थे। - एक और शख्स ने बताया कि यह बहुत बुरा एक्सपीरिएंस था। मैंने कभी ऐसा नहीं देखा। बहुत बड़ी आग थी। मुझे पूरी बिल्डिंग ढहने का डर है। दम घुटने से लोगों की तबीयत बिगड़ी - पुलिस कमांडर स्टुअर्ट कुडी ने बताया- "मैं 6 लोगों के मौत की खबर की पुष्टि करता हूं, लेकिन मरने वालों की तादाद बढ़ सकती है।" -
लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा- "कई लोग की पहचान अभी तक नहीं हो पाई।
बिल्डिंग में कितने लोग थे अभी तक इसका पता नहीं चल पाया है। फायर सर्विस
सिर्फ 12th फ्लोर तक ही पहुंच पाई है। मरने वालों की तादाद बढ़ सकती है।
120 फ्लैट, 600 लोग रहते हैं - वेस्ट लंदन में बने ग्रेनफेल टावर में 120 फ्लैट हैं। यहां करीब 600 लोग रहते हैं। इसे 1974 में बनाया गया था। -
बता दें कि इस टावर में ज्यादातर फ्लैट्स मुस्लिम कम्युनिटी के हैं। घटना
के वक्त रमजान होने की वजह से कई लोग सेहरी के लिए सुबह जल्दी उठ गए थे। आग
किस वजह से लगी, अभी तक इसका पता नहीं चल पाया है।
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