लालू हुए बीमार तो बेटे तेज प्रताप ने घर पर लगा दी सरकारी डॉक्टरों की ड्यूटी
बिहार में सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर भले ही नदारद रहें लेकिन खास लोगों के लिए घर पर सेवा देना पड़ रही है। जानकारी के अनुसार पिछले दिनों राजद प्रमुख लालू प्रसाद की तबीयत खराब होने के बाद स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप ने सरकारी अस्पताल आईजीआइएमएस के डॉक्टरों की टीम को अपने घर तैनात कर दिया।
खबरों के अनुसार डॉक्टरों की यह ड्यूटी एक या दो नहीं बल्कि पूरे 8 दिन के लिए लगाई गई थी।
जानकारों का कहना है कि लालू जी जब भी बीमार पड़ते हैं, आईजीआइएमएस से मेडिकल टीम की तैनाती उनके आवास पर की जाती है, जबकि सरकारी नियमों के मुताबिक, ऐसी तैनाती नहीं की जा सकती।
इसी महीने अस्पताल के तीन डॉक्टरों और दो मेल नर्सों की ड्यूटी उनके आवास 10, सर्कुलर रोड पर आठ दिनों के लिए लगा दी गयी। इससे संबंधित पत्र भी डॉक्टरों को जारी हुए, उन्हें 31 मई, 2017 को वहां ड्यूटी लगायी गई और 8 जून को तेजप्रताप जब पूजा-पाठ के लिए वृंदावन गए तब जाकर इन डॉक्टरों को एक और विभागीय खत के जरिए आईजीआईएमएस वापस बुलाया गया।
जिन डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई थी उनमें आईजीआईएमएस अस्पताल के एक सामान्य औषधि विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ प्रो नरेश कुमार भी हैं। एक जनरल सर्जरी के विशेषज्ञ हैं और एक फॉरेन्सिक मेडिसीन विभाग के। इनके अलावा दो मेल नर्सों की भी ड्यूटी वहां लगायी गयी।
हैरत की बात तो ये है कि न तो आईजीआईएमएस अधीक्षक और न ही डॉक्टरों को ये पता है कि आखिर बीमार तेजप्रताप थे या उनके घर का कोई और सदस्य।
बड़ी बात यह है कि आईजीआईएमएस में वैसे ही डॉक्टरों की कमी है, ऊपर से स्वास्थ्य मंत्री के फरमान के बाद अस्पताल प्रशासन ने भी इसे पूरा करने में पूरी चुस्ती दिखा दी, बगैर ये सोचे हुए कि इन 3 सीनियर डॉक्टरों के न रहने से अस्पताल में भर्ती मरीजों का इलाज प्रभावित हो सकता है।
उधर, आईजीआईएमएस के निदेशक डॉक्टर एन आर विश्वास ने भी माना है कि वो और अस्पताल वीआईपी पैरवी से आजिज आ गए हैं।
हालांकि, यह सवाल पूछने पर आईजीआइएमएस के चिकित्सा अधीक्षक डॉ पीके सिन्हा ने कहा कि डॉक्टरों की ड्यूटी लालू प्रसाद जी के आवास पर नहीं, बल्कि आईजीआइएमएस के बोर्ड ऑफ गवर्नेंस के चेयरमैन तेज प्रताप यादव के घर की गई थी।
उनके अनुसार वे स्वास्थ्य मंत्री के साथ हमारे बोर्ड ऑफ गवर्नेंस के चेयरमैन भी हैं और अगर उनके आवास पर किसी को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो, तो हम डॉक्टरों की टीम भेज देते हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या ऐसा करना नियम सम्मत है, तो उन्होंने कहा कि आईजीआइएमएस एक ऑटोनोमस बॉडी है और हम बिहार सरकार के नियम से नहीं चलते, यह फैसला हमलोग परिस्थितियों के हिसाब से लेते हैं।जब उनसे यह पूछा गया कि क्या किसी आम नागरिक के बीमार होने पर भी उसे अस्पताल से यह सुविधा मिल सकती है, तो उन्होंने कहा- नहीं, यह सुविधा सिर्फ चेयरमैन के लिए है।
बिहार में सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर भले ही नदारद रहें लेकिन खास लोगों के लिए घर पर सेवा देना पड़ रही है। जानकारी के अनुसार पिछले दिनों राजद प्रमुख लालू प्रसाद की तबीयत खराब होने के बाद स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप ने सरकारी अस्पताल आईजीआइएमएस के डॉक्टरों की टीम को अपने घर तैनात कर दिया।
खबरों के अनुसार डॉक्टरों की यह ड्यूटी एक या दो नहीं बल्कि पूरे 8 दिन के लिए लगाई गई थी।
जानकारों का कहना है कि लालू जी जब भी बीमार पड़ते हैं, आईजीआइएमएस से मेडिकल टीम की तैनाती उनके आवास पर की जाती है, जबकि सरकारी नियमों के मुताबिक, ऐसी तैनाती नहीं की जा सकती।
इसी महीने अस्पताल के तीन डॉक्टरों और दो मेल नर्सों की ड्यूटी उनके आवास 10, सर्कुलर रोड पर आठ दिनों के लिए लगा दी गयी। इससे संबंधित पत्र भी डॉक्टरों को जारी हुए, उन्हें 31 मई, 2017 को वहां ड्यूटी लगायी गई और 8 जून को तेजप्रताप जब पूजा-पाठ के लिए वृंदावन गए तब जाकर इन डॉक्टरों को एक और विभागीय खत के जरिए आईजीआईएमएस वापस बुलाया गया।
जिन डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई थी उनमें आईजीआईएमएस अस्पताल के एक सामान्य औषधि विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ प्रो नरेश कुमार भी हैं। एक जनरल सर्जरी के विशेषज्ञ हैं और एक फॉरेन्सिक मेडिसीन विभाग के। इनके अलावा दो मेल नर्सों की भी ड्यूटी वहां लगायी गयी।
हैरत की बात तो ये है कि न तो आईजीआईएमएस अधीक्षक और न ही डॉक्टरों को ये पता है कि आखिर बीमार तेजप्रताप थे या उनके घर का कोई और सदस्य।
बड़ी बात यह है कि आईजीआईएमएस में वैसे ही डॉक्टरों की कमी है, ऊपर से स्वास्थ्य मंत्री के फरमान के बाद अस्पताल प्रशासन ने भी इसे पूरा करने में पूरी चुस्ती दिखा दी, बगैर ये सोचे हुए कि इन 3 सीनियर डॉक्टरों के न रहने से अस्पताल में भर्ती मरीजों का इलाज प्रभावित हो सकता है।
उधर, आईजीआईएमएस के निदेशक डॉक्टर एन आर विश्वास ने भी माना है कि वो और अस्पताल वीआईपी पैरवी से आजिज आ गए हैं।
हालांकि, यह सवाल पूछने पर आईजीआइएमएस के चिकित्सा अधीक्षक डॉ पीके सिन्हा ने कहा कि डॉक्टरों की ड्यूटी लालू प्रसाद जी के आवास पर नहीं, बल्कि आईजीआइएमएस के बोर्ड ऑफ गवर्नेंस के चेयरमैन तेज प्रताप यादव के घर की गई थी।
उनके अनुसार वे स्वास्थ्य मंत्री के साथ हमारे बोर्ड ऑफ गवर्नेंस के चेयरमैन भी हैं और अगर उनके आवास पर किसी को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो, तो हम डॉक्टरों की टीम भेज देते हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या ऐसा करना नियम सम्मत है, तो उन्होंने कहा कि आईजीआइएमएस एक ऑटोनोमस बॉडी है और हम बिहार सरकार के नियम से नहीं चलते, यह फैसला हमलोग परिस्थितियों के हिसाब से लेते हैं।जब उनसे यह पूछा गया कि क्या किसी आम नागरिक के बीमार होने पर भी उसे अस्पताल से यह सुविधा मिल सकती है, तो उन्होंने कहा- नहीं, यह सुविधा सिर्फ चेयरमैन के लिए है।
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