जीएसटी लागू होने के बाद रेल से ट्रैवल करना महंगा हो जाएगा
एक जुलाई से जीएसटी लागू होने के बाद रेल
से ट्रैवल करना महंगा हो जाएगा। किराया बढ़ने के साथ ही उन पैसेंजर्स से भी
जीएसटी वसूला जाएगा, जिन्होंने 4 महीने पहले टिकट बुक किया है। इन लोगों
से ट्रेन में ही बढ़ा हुआ किराया वसूला जाएगा। माना जा रहा है कि एसी क्लास
में ट्रैवल करने वालों को अब 14.5% की बजाय 15% टैक्स देना होगा।पुराने
स्टॉक का क्रेडिट 90 दिनों में क्लेम कर सकते हैं कारोबारी...
- सरकार ने जीएसटी में ट्रांजिशन के नियम
जारी कर दिए हैं। इसके मुताबिक ट्रेडर और रिटेलर 90 दिनों में पुराने स्टॉक
का टैक्स क्रेडिट क्लेम कर सकते हैं। जीएसटी नियमों के ड्राफ्ट में इसके
लिए 60 दिनों का वक्त दिया गया था। यहां पुराने स्टॉक से मतलब उस सामान से
है जिसे उन्होंने 1 जुलाई से पहले खरीदा और उसकी सेल 1 जुलाई या उसके बाद
कर रहे हैं।
- जीएसटी काउंसिल द्वारा मंजूर नए नियमों
के मुताबिक "जो कारोबारी पुराने स्टॉक पर इनपुट टैक्स का क्रेडिट लेना
चाहते हैं, उन्हें 90 दिनों के भीतर ऑनलाइन इसे डिक्लेयर करना पड़ेगा। बताना
पड़ेगा कि वह कितने इनपुट टैक्स क्रेडिट का हकदार है। टैक्स कमिश्नर इस
टाइम लिमिट को और 90 दिनों के लिए बढ़ा सकता है। लेकिन इसके लिए काउंसिल की
मंजूरी लेनी पड़ेगी।" जिन गुड्स या सर्विसेज पर अभी वैट या सर्विस टैक्स
दिया गया है, उसका क्रेडिट लेने के लिए डीलर को सप्लाई की पूरी जानकारी
देनी पड़ेगी।
- ट्रांजिशन के नए नियम मंगलवार को जारी
किए गए। इसके मुताबिक जिन गुड्स पर जीएसटी रेट 18% या इससे ज्यादा होगा,
ट्रेडर और रिटेलर उस पर सीजीएसटी या एसजीएसटी का 60% क्लेम कर सकेंगे। जिन
गुड्स पर जीएसटी रेट 18% से कम होगा, उन पर सिर्फ 40% क्रेडिट डीम्ड
मिलेगा। ड्राफ्ट नियमों में सभी टैक्सेबल गुड्स पर 40% क्रेडिट का
प्राेविजन किया गया था।
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