19 साल की दीप्ति शर्मा हाल ही में आयरलैंड के खिलाफ वनडे में बेफ़िक्र अंदाज़ में बैटिंग कर रही थीं. उन्हें बिलकुल अंदाज़ा नहीं था कि उनके और पूनम राउत के बीच पहले विकेट की पार्टनरशिप का रिकॉर्ड बन चुका है. दोनों ने 320 रन बनाए. दीप्ति ने 188 की पारी खेली और पूनम 109 रन पर रिटायर हर्ट हुईं. भारतीय महिला क्रिकेटर्स पिछले कुछ वक्त से चर्चा में हैं. महिला टीम ने रविवार को दक्षिण अफ्रीका को फाइनल में हराकर चार देशों का टूर्नामेंट जीता. तीन महीने पहले भारतीय टीम ने आईसीसी वीमेन विश्व कप का क्वॉलिफायर जीतकर इंग्लैंड में होने वाले इस टूर्नामेंट में एंट्री ली. फिर
कुछ हफ़्ते पहले गेंदबाज़ झूलन गोस्वामी वनडे में सबसे ज़्यादा विकेट लेने
वाली खिलाड़ी बन गई. इसके बाद सलामी बल्लेबाज़ दीप्ति और पूनम के बीच
अंतर्राष्ट्रीय वनडे की सबसे बड़ी ओपनिंग पार्टनरशिप हुई. दीप्ति कहती हैं कि खिलाड़ियों का जल्दी-जल्दी रिकॉर्डबुक में आना भारतीय महिला क्रिकेट के लिए अच्छा है. "मेरे
जैसे यंगस्टर इन दिनों अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं. अगर हम ऐसे ही
उपलब्धियां हासिल करते रहेंगे तो हमारा कॉन्फिडेंस हाई रहेगा. इस
कॉन्फिडेंस को हम आने वाले वर्ल्ड कप में भी जारी रखेंगे." वहीं पूनम
राउत ने भी आयरलैंड के खिलाफ रिकॉर्ड पार्टनरशिप के दौरान अपना पहला वनडे
शतक लगाया. 109 रन की पारी खेलकर पूनम चोट की वजह से नहीं, बल्कि दूसरे
बल्लेबाज़ों को मौका देने के लिए पवेलियन लौटीं. पूनम ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ रविवार को खेले गए फाइनल में 70 रन बनाए. उनका भी मानना है कि उनके और दीप्ति जैसे खिलाड़ियों के उभरने से मिताली राज जैसी सीनियर खिलाड़ियों पर दबाव कम हुआ है. वो
कहती हैं, "पहले मिताली पर सबकी उम्मीदें रहती थीं. वो बहुत बड़ी खिलाड़ी
हैं और बहुत सालों तक उन्होंने भारत के बल्लेबाज़ी ऑर्डर को संभाला है.
लेकिन अब बहुत सी ऊर्जावान लड़कियां टीम में हैं." क्रिकेट में काफी
सालों तक ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की टीमों का दबदबा रहा. मेन्स क्रिकेट
में भारतीय टीम इसे तोड़ने में कामयाब रही है. लेकिन भारतीय महिलाओं की
क्या स्थिति है इस बारे में पूनम कहती हैं, "ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी
टीमें डॉमिनेट कर रही हैं लेकिन इंडिया भी ज़्यादा पीछे नहीं. टीम में काफी
सुधार आया है. बस हमें प्लानिंग को लागू करने की ज़रूरत है. इसके बिना आप
बड़े गेम नहीं जीत सकते." पूनम और दीप्ति दोनों ही भारत की टॉप फील्डर्स
में गिनी जाती हैं. दीप्ति कहती हैं कि अब वो दौर जा चुका है जब भारतीय
फील्डर डाइव या स्किड करने से हिचकती थीं. वो कहती हैं, "आजकल तो गर्ल्स
खुद बोलती हैं कि मुझे भी डाइव सीखनी है या स्लाइड सीखनी है. अब ऐसा नहीं
रह गया है कि लड़कियां डरती हैं. अब वो पूरा एफर्ट डालती हैं." वहीं
पूनम कहती हैं, "जब आप मैदान पर उतरते हैं तो चोट भूल जाते हैं. फिर आपको
या तो रन रोकने हैं या विकेट निकालना है. उसके लिए चाहे जो भी करना पड़े.
कोच तुषार अरोटे टीम पर बहुत मेहनत कर रहे हैं." ये पूछने पर कि टीम में
सबसे बढ़िया डाइव कौन लगाता है, पूनम कहती हैं, "मिताली राज, वेदा
कृष्णामूर्ति, दीप्ति.. लगभग सभी खिलाड़ी अच्छी फील्डिंग करती हैं. टीम में
काफी यंगस्टर्स हैं तो फील्ड पर काफी अच्छी एनर्जी रहती है." युवा खिलाड़ियों से भरी भारतीय महिला टीम मैदान पर जीतने के अलावा मस्ती और मज़ाक भी जमकर करती है. दीप्ति बताती हैं, "टीम में लड़कियां एक दूसरे की मिमिक्री करती हैं. पर मैं नहीं, मुझे मिमिक्री करना अच्छा नहीं लगता." दोनों
खिलाड़ी दक्षिण अफ्रीका में हुए चार देशों के टूर्नामेंट में भारत को
खिताब दिलाकर बनाकर स्वदेस लौट आई हैं. इस टूर्नामेंट में भारत और मेज़बान
देश के अलावा ज़िम्बाब्वे और आयरलैंड ने हिस्सा लिया.
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