मंत्री गेहलोत की मीसाबंदी अवधि सरकार बदल रही पल-पल: कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता श्री रवी सक्सेना ने कहा है कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत को बचाने के लिए उनकी मीसाबंदी अवधि को सरकार बार-बार बदल रही है, जो संशय के बादलों को और गहरा कर रही है। श्री सक्सेना ने कहा कि मात्र 13 दिन जेल में रहने की श्री गेहलोत की मीसाबंदी अवधि को जेल विभाग ने पहले 54 दिन बताया, फिर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने 13 दिन की अवधि को ही आधार बनाकर उन्हें मीसाबंदी पेंशन देने को प्रमाणित किया और अब उज्जैन जिला कलेक्टर संकेत भोंडवे का गत् नवम्बर में लिखा गया एक पत्र सामने आया, जिसमें श्री गेहलोत की मीसाबंदी अवधि 45 दिन बताकर इस पूरे प्रकरण को एक नई दिशा की ओर धकेल दिया है। श्री सक्सेना ने कहा है कि ये 45 दिन की अवधि को श्री थावरचंद गेहलोत ने स्वयं उज्जैन जिला प्रशासन को बताया जिस पर प्रमुख सचिव एम.के. वैष्णव को 15.11.16 को जिलाधीश ने 45 दिन जेल में रहने बाबत् बताया। एक तरफ जिला प्रशासन 45 दिन, दूसरी तरफ जेल विभाग 54 दिन वहीं भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष उसे 13 दिन बता रहे हैं, इस सारे प्रकरण से यह साबित हो रहा है कि श्री गेहलोत ने जो मीसाबंदी पेंशन प्राप्त की है, उसमें बड़ा गड़बड़झाला है, जिसे सरकार छुपाने के लिए पल-पल अवधि बदल रही है।
श्री सक्सेना ने कहा है कि उक्त प्रकरण से यह साबित होता है कि मीसाबंदी की पेंशन में पूरे प्रदेश में एक बड़ा घोटाला किया गया है, जिसमें अपात्रों को भी इस पेंशन का लाभ सरकार प्रदान कर रही है, जो कि जनता के पैसे की खुली लूट है। श्री सक्सेना ने मांग की है कि सरकार पूरे प्रदेश में जिन लोगों को मीसाबंदी पेंशन प्रदान कर रही है, उनके प्रकरणों की एक बार फिर से जांच करायी जाये तो मीसाबंदी पंेशन के रूप में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश होगा।
दूसरी ओर आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से आज यहाँ केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गेहलोत ने भेंट की। उन्होंने नागदा एवं खाचरोद में उद्योगों एवं किसानों को नर्मदा नदी से जल उपलब्ध कराने के विकल्पों पर विचार-विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को प्रस्तावित योजना की डी.पी.आर.बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के लिये दीर्घ अवधि की योजना बनाना होगी ताकि किसानों और उद्योगों को समान रूप से लाभ मिल सके।
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