8वी FAIL पर आज 2000 करोड़ा के मालिक
मिडल क्लास फैमिली में पैदा हुए लुधियाना के त्रिशनित अरोड़ा को बपचन से ही पढ़ाई में मन नहीं लगता था. एग्जाम के दौरान भी वह केवल कंप्यूटर ही पढ़ते थे, बाकी सब्जेक्ट्स की तैयारी के लिए उनके पास समय ही नहीं होता था. घर वालों ने नाराजगी जताई,लेकिन इस लड़के की जिद अलग थी. 8वी के एग्जाम के दौरान फ़ैल होजाने पर मम्मी-पापा ने खूब डांटा और दोस्तों और परिवार के लोगो ने भी मजाक उड़ाया, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारा. उन्होंने रेगुलर पढाई छोड़ दी और आगे 12वीं तक की पढ़ाई उन्होंने कॉरेस्पॉन्डेंस से की इसके आलवा वह कम्प्यूटर और हैकिंग के बारे में लगातार नई जानकारियां भी इकट्ठा करते रहे.
आज महज 22 साल की उम्र में त्रिशनित अरोड़ एक सर्टिफाइड एथिकल हैकर है. यह एक ऐसा बिजनेस जिसे आमतौर पर लोग नहीं जानते हैं. एथिकल हैकिंग में नेटवर्क या सिस्टम इन्फ्रास्ट्रक्चर की सिक्युरिटी इवैल्युएट की जाती है, ताकि कोई नेटवर्क या सिस्टम (कम्प्यूटर) इन्फ्रास्ट्रक्चर की सिक्युरिटी तोड़कर कॉन्फिडेन्शियल चीजें न तो उड़ा सके और न ही वायरस या दूसरे मीडियम्स के जरिए कोई नुकसान पहुंचा सके। 21 वर्ष की उम्र में उन्होंने टीएसी सिक्युरिटी नाम की साइबर सिक्युरिटी कंपनी बनाई जिनके क्लाइंट लिस्ट में रिलायंस, सीबीआई, पंजाब पुलिस, गुजरात पुलिस, अमूल और एवन साइकिल जैसी कंपनिया के साथ ही दुनियाभर में 50 फॉर्च्यून और 500 कंपनियां क्लाइंट लिस्ट में शामिल है. उन्होंने हैकिंग के ऊपर ‘हैकिंग टॉक विद त्रिशनित अरोड़ा’,‘दि हैकिंग एरा’ और ‘हैकिंग विद स्मार्ट फोन्स जैसे किताब लिखा है. वे कहते हैं कि असफलताओं से कभी निराश नहीं होना चाहिए, क्योंकि असफलताएं ही आगे बढ़ने का रास्ता बताती हैं और आपको अपने मजबूत पक्ष का बेहतर पता चलता है.
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