विंध्य मैकल लोक रंग समारोह: कलाकारों के साथ थिरके मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार की शाम स्टेडियम ग्राउण्ड में आयोजित विन्ध्य मैकल लोक रंग समारोह का शुभारंभ जय बड़ा देव, जय महादेव की पूजा अर्चना से किया। लोक कला के अद्भुत संगम में कलाकारों की अलग-अलग टोलियों के मध्य मुख्यमंत्री ढोल एवं शैला बजाकर सुरताल मिलाते हुए नृत्य किया। विन्ध्य मैकल नाद से जहां एक ओर स्टेडियम गुंजायमान हुआ वहीं दूसरी ओर दर्शक कलाओं से अभिभूत होते रहे। कार्यक्रम देर रात चला और मुख्यमंत्री भी वहीं मौजूद रहे।मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पैसे से खुशी नहीं मिलती, बहुत पैसे वालों को दुखी देखा हूं। वे सोने के लिए नींद की गोलियां लेते हैं और उन्हें बीपी, डायबिटिज आदि होने से सुख चैन का भोजन भी नहीं कर पाते। मुख्यमंत्री ने कहा कि खुश रहना सीखना है तो अनुसूचित जन जाति के लोगों से सीखे। उनका जीवन हर रंग में तरंग भरता है। जीवन का आनंद कलाकारों से ही सीखा जा सकता है। इसीलिए प्रदेश में आनंद विभाग खोला गया है जिसमें पुरातन कला संस्कृति, साहित्य, चित्रकला, भृत्य चित्र आदि का संग्रह किया जा सके।मुख्यमंत्री ने इस दौरान प्रख्यात आदिवासी कलाकारों को शाल से सम्मानित किया और प्रत्येक कला दल को 25- 25 हजार रू. की सम्मान निधि देने की घोषणा की। उन्होंने बैगा समुदाय के लिए एवं रानी दुर्गावती की स्मृति में 50-50 लाख रू. की लागत के सामुदायिक भवन का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने शबरी मां की प्रतिमा लगाने, लोक कला केंद्र की स्थापना, डिण्डौरी में कला संग्रहालय, अनपूपुर बीजापुरी में स्मृति भवन, के साथ साथ मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कला संग्राहलय बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष उमरिया में विन्ध्य मैकल लोक रंग का आयोजन किया जाएगा ताकि आदिवासी कलाओं को जीवंत रखा जा सके।
मुख्यमंत्री ने कलाकारों का आवाह्न किया कि वे आने वाली पीढ़ी मं भी आदिवासी कला एवं संस्कृति का संस्कार दें जिससे वे मध्यप्रदेश का नाम दुनिया में रोशन कर सके। स्टेडियम ग्राउण्ड रात में भी दिन की तरह चमकता दिखाई दिया। विभिन्न कलर की लाइटों से कलाकार विभिन्न वेशभूषा में जगमगाते दिखाई दिए। कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्यमंत्री का मोर पंख लगाकर स्वागत किया गया। इस दौरान काष्ठ शिल्प, भृत्त शिल्प, आदि कलाकृतियों का अवलोकन करते हुए मुख्यमंत्री ने कलाकारों की सराहना की।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार की शाम स्टेडियम ग्राउण्ड में आयोजित विन्ध्य मैकल लोक रंग समारोह का शुभारंभ जय बड़ा देव, जय महादेव की पूजा अर्चना से किया। लोक कला के अद्भुत संगम में कलाकारों की अलग-अलग टोलियों के मध्य मुख्यमंत्री ढोल एवं शैला बजाकर सुरताल मिलाते हुए नृत्य किया। विन्ध्य मैकल नाद से जहां एक ओर स्टेडियम गुंजायमान हुआ वहीं दूसरी ओर दर्शक कलाओं से अभिभूत होते रहे। कार्यक्रम देर रात चला और मुख्यमंत्री भी वहीं मौजूद रहे।मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पैसे से खुशी नहीं मिलती, बहुत पैसे वालों को दुखी देखा हूं। वे सोने के लिए नींद की गोलियां लेते हैं और उन्हें बीपी, डायबिटिज आदि होने से सुख चैन का भोजन भी नहीं कर पाते। मुख्यमंत्री ने कहा कि खुश रहना सीखना है तो अनुसूचित जन जाति के लोगों से सीखे। उनका जीवन हर रंग में तरंग भरता है। जीवन का आनंद कलाकारों से ही सीखा जा सकता है। इसीलिए प्रदेश में आनंद विभाग खोला गया है जिसमें पुरातन कला संस्कृति, साहित्य, चित्रकला, भृत्य चित्र आदि का संग्रह किया जा सके।मुख्यमंत्री ने इस दौरान प्रख्यात आदिवासी कलाकारों को शाल से सम्मानित किया और प्रत्येक कला दल को 25- 25 हजार रू. की सम्मान निधि देने की घोषणा की। उन्होंने बैगा समुदाय के लिए एवं रानी दुर्गावती की स्मृति में 50-50 लाख रू. की लागत के सामुदायिक भवन का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने शबरी मां की प्रतिमा लगाने, लोक कला केंद्र की स्थापना, डिण्डौरी में कला संग्रहालय, अनपूपुर बीजापुरी में स्मृति भवन, के साथ साथ मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कला संग्राहलय बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष उमरिया में विन्ध्य मैकल लोक रंग का आयोजन किया जाएगा ताकि आदिवासी कलाओं को जीवंत रखा जा सके।
मुख्यमंत्री ने कलाकारों का आवाह्न किया कि वे आने वाली पीढ़ी मं भी आदिवासी कला एवं संस्कृति का संस्कार दें जिससे वे मध्यप्रदेश का नाम दुनिया में रोशन कर सके। स्टेडियम ग्राउण्ड रात में भी दिन की तरह चमकता दिखाई दिया। विभिन्न कलर की लाइटों से कलाकार विभिन्न वेशभूषा में जगमगाते दिखाई दिए। कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्यमंत्री का मोर पंख लगाकर स्वागत किया गया। इस दौरान काष्ठ शिल्प, भृत्त शिल्प, आदि कलाकृतियों का अवलोकन करते हुए मुख्यमंत्री ने कलाकारों की सराहना की।

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