MONSOON SEASON में पारित हो सकता है GST BILL
संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने वस्तु एवं सेवा कर जीएसटी पर नरमी बरतने के संकेत दिए हैं।हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की यूपी प्रभारी गुलाम नबी आजाद से मुलाकात हुई, जिसके बाद से ही ये संकेत सामने आए है। उत्तर प्रदेश चुनाव के साथ ही इस बैठक में जीएसटी पर समर्थन के संबंध में भी विचार हुआ।इसके अलावा केंद्र सरकार की ओर से नए संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और उपनेता आनंद शर्मा से टेलीफोन पर बात की थी। पार्टी के साथ औपचारिक वार्ता जल्दी ही हो सकती है।इस संबंध में आनंद शर्मा ने कहा कि कर सुधारों के जरिए पूरे देश में ‘सही मायने में' एक साझा बाजार तैयार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जीएसटी ‘कायदे का और ठोस' होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को जीएसटी दर का दायरा तय करने की जरूरत है ताकि आम आदमी पर इसका बोझ न पड़े।कांग्रेस ने जीएसटी को लेकर तीन मांगे रखी है। पहला जीएसटी पर संवैधानिक संशोधन बिल में ही टैक्स रेट का कैप 18 प्रतिशत निर्धारित किया जाए। दूसरा, जीएसटी विवादों के निपटारे के लिए प्राधिकरण का गठन हो और तीसरा उत्पादक राज्यों पर अतिरिक्त एक फीसदी टैक्स को वापस लिया जाए। कांग्रेस द्वारा अपने रुख में नरमी बरतने का कारण हाल में हुई कांग्रेस की हार और राजनीतिक रुप से राज्य सभा में पार्टी का कमजोर होना माना जा रहा है। सरकार कांग्रेस की शुरुआती दो मांगो के लिए दो विकल्प दे सकती है। एक या तो जीएसटी रेट को बिल के सहायक नियमों में शामिल किया जा सकता है या फिर जीएसटी रेट की सीमा को जीएसटी बिल में रखा जा सकता है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “दो मांगो पर सरकार के साथ हमारी सहमति लगभग बन चुकी है। अब मामला 18 फीसदी कैप का है, अब सरकार जब हमारी राय पूछेगी तब बता देंगे।“
संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने वस्तु एवं सेवा कर जीएसटी पर नरमी बरतने के संकेत दिए हैं।हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की यूपी प्रभारी गुलाम नबी आजाद से मुलाकात हुई, जिसके बाद से ही ये संकेत सामने आए है। उत्तर प्रदेश चुनाव के साथ ही इस बैठक में जीएसटी पर समर्थन के संबंध में भी विचार हुआ।इसके अलावा केंद्र सरकार की ओर से नए संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और उपनेता आनंद शर्मा से टेलीफोन पर बात की थी। पार्टी के साथ औपचारिक वार्ता जल्दी ही हो सकती है।इस संबंध में आनंद शर्मा ने कहा कि कर सुधारों के जरिए पूरे देश में ‘सही मायने में' एक साझा बाजार तैयार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जीएसटी ‘कायदे का और ठोस' होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को जीएसटी दर का दायरा तय करने की जरूरत है ताकि आम आदमी पर इसका बोझ न पड़े।कांग्रेस ने जीएसटी को लेकर तीन मांगे रखी है। पहला जीएसटी पर संवैधानिक संशोधन बिल में ही टैक्स रेट का कैप 18 प्रतिशत निर्धारित किया जाए। दूसरा, जीएसटी विवादों के निपटारे के लिए प्राधिकरण का गठन हो और तीसरा उत्पादक राज्यों पर अतिरिक्त एक फीसदी टैक्स को वापस लिया जाए। कांग्रेस द्वारा अपने रुख में नरमी बरतने का कारण हाल में हुई कांग्रेस की हार और राजनीतिक रुप से राज्य सभा में पार्टी का कमजोर होना माना जा रहा है। सरकार कांग्रेस की शुरुआती दो मांगो के लिए दो विकल्प दे सकती है। एक या तो जीएसटी रेट को बिल के सहायक नियमों में शामिल किया जा सकता है या फिर जीएसटी रेट की सीमा को जीएसटी बिल में रखा जा सकता है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “दो मांगो पर सरकार के साथ हमारी सहमति लगभग बन चुकी है। अब मामला 18 फीसदी कैप का है, अब सरकार जब हमारी राय पूछेगी तब बता देंगे।“

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