Sunday, 10 July 2016

हिंसक भीड़ ने पुलिस की गाड़ी को झेलम नदी में धकेला

हिंसक भीड़ ने पुलिस की गाड़ी को झेलम नदी में धकेला

जम्मू-कश्मीर घाटी में रविवार को भी हिजबुल कमांडर बुरहान मुज़फ़्फ़र वानी के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से तनाव कायम है। शनिवार से घाटी में अलग-अलग हिस्सों में हुई हिंसा और झड़पों में 16 लोगों की मौत हो गई है जबकि सुरक्षाबलों के 96 जवान समेत 200 लोग घायल हो गए हैं। कश्मीर में जारी हिंसा के बीच प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ी को झेलम नदी में धकेल दिया है।
दक्षिण कश्मीर, पुलवामा समेत श्रीनगर के कई इलाकों में कर्फ़्यू लगा दिया गया है और ट्रेन सेवाएं बंद हैं। अमरनाथ यात्रा कल ही रोक दी गई थी। हिजबुल कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर घाटी में फैले तनाव की वजह से बाधित की गई अमरनाथ यात्रा रविवार को दोपहर बाद बहाल कर दी गई। इससे पहले सुरक्षा कारणों के चलते यात्रियों को जम्मू से घाटी तक जाने की अनुमति नहीं दी जा रही थी, हालांकि जो लोग पहले ही बालटाल और नुनवान (पहलगाम) के शिविरों में पहुंच गए थे, उनकी यात्रा जारी रखी गई थी। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने रविवार को कैबिनेट की बैठक करने के बाद लोगों से शांति की अपील की है। आतंकी बुरहान वानी के सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ के बाद तीन साथियों के साथ मारे जाने के बाद ही हिंसा भड़क गई। जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी के रज़िंदर ने इस आतंकी के मारे जाने को सुरक्षा बलों के लिए बड़ी कामयाबी बताया था। 15 साल की उम्र में ही 2010 में बुरहान अपने भाई के मारे जाने के बाद टेररिस्ट ग्रुप हिजबुल से जुड़ा था। उसका मानना था कि उसके भाई की इंडियन आर्मी ने हत्या कर दी थी। वह इसका बदला लेना चाहता था। कश्मीर के त्राल का रहने वाला बुरहान वानी एक रसूखदार परिवार से था। उस पर कश्मीर के युवा वर्ग को आतंकी संगठन हिजबुल से जोड़ने का जिम्मा था। उस पर 10 लाख का इनाम भी घोषित किया गया था।

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