Friday, 22 July 2016

संसद में गूंजा दलित उत्पीड़न मुद्दा, गोरक्षकों पर रोक की मांग उठी

संसद में गूंजा दलित उत्पीड़न मुद्दा, गोरक्षकों पर रोक की मांग उठी

दलित उत्पीड़न के मुद्दे पर राज्यसभा में गुरुवार को सरकार को घेरते हुए विपक्षी दलों के सदस्यों ने दावा किया कि सच सामने आ गया है। सदस्यों ने गुजरात के ऊना सहित देश भर में दलित उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं पर गहरी चिंता जताई। जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने जहां देश के विभिन्न भागों में गौ रक्षकों पर रोक लगाने की मांग की वहीं कांगे्रस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा कि गुजरात की ताजा घटना से गुजरात माडल की सच्चाई बेनकाब हो गई है। यादव ने राज्यसभा में हुई अल्पकालिक चर्चा में भाग लेते हुए सवाल किया कि इन गौ रक्षकों को किसने व क्यों तैनात किया।सरकार इन पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाती है। हमारी जाति व्यवस्था में तालिबान जैसा रुख है। गुजरात में यह गौ रक्षक कहते हैं कि गाय में 33 कोटि देवी देवताओं का निवास उङ्मल्ल३्र४ी ३ङ्म स्रँी 8 होता है। देश में किस तरह का अंधविश्वास फैलाया जा रहा है। कांगे्रस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा कि ध्यान नहीं दिया गया तो गुजरात में स्थिति विस्फोट हो सकती है क्योंकि दलित आत्महत्या का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार को आगाह किया कि वह हाल की शर्मनाक घटना को सांप्रदायिक होने से रोके क्योंकि गुजरात में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। उन्होंने कहा कि हम हमेशा से यह कहते आए हैं कि गुजरात माडल केवल कुछ उद्योगपतियों के लिए बनाया गया है।
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि संविधान के लागू होने के लगभग 66 वर्षों के बाद केंद्र में 54 वर्षों तक कांग्रेस की और लगभग आठ वर्षों तक भाजपा की सरकार रहने के बावजूद दलित और आदिवासियों का उत्पीड़न बंद नहीं किया जा सका है। इसके अलावा भाजपा की बहुमत वाली वर्तमान सरकार होने के बाद भी लोकसभा में पदोन्नति में दलितों के आरक्षण संबंधी विधेयक पारित नहीं किया जा रहा है। पिछले डेढ़ सालों में गोरक्षा के नाम पर मुसलमानों पर अत्याचार हुआ। अब दलितों पर भी अत्याचार हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार न्याय सुनिश्चित करने के बजाए दलितों का मुंह बंद करने के लिए तमाम हथकंडे अपना रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा के दयाशंकर सिंह ने मेरेलिए जिस तरह की अमर्यादित और अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल किया है, उससे दलित समाज के स्वाभिमान को ठेस लगी है। लोग अपना क्षोभ व्यक्त कर रहे हैं।सपा के विश्वंभर प्रसाद निषाद ने कहा कि गुजरात की घटना शर्मनाक है और दलित और अन्य पिछड़ा वर्ग सुरक्षित नहीं हैं। अन्नाद्रमुक के ए नवनीत कृष्णन ने कहा कि छुआछूत का उन्मूलन दलितों के सशक्तीकरण का एकमात्र तरीका है।

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