भारत के निवासी अल्पसंख्यकों को वीजा मिलना आसान हुआ
भारत में
रहने वाले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों के लिए अब
वीजा लेना आसान होगा क्योंकि केंद्र सरकार ने नियम आसान बनाने के साथ ही
कई अन्य सुविधाएं देने का फैसला लिया है। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता
में बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि भारत में रह रहे पाकिस्तान,
बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय (हिंदू, सिख, बौद्ध,
जैन, पारसी और ईसाई) के लोगों के लिए वीजा नियमों को आसान बनाने सहित तमाम
तरह की सुविधाएं मुहैया कराने का फैसला लिया गया है। उन्होंने बताया कि
केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की निर्माण कंपनी एनबीसीसी इंडिया में
अपनी 15 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अगले चार
वर्षों में 12000 करोड़ रुपये की लागत से एक करोड़ युवकों को प्रधानमंत्री
कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षित किया जाएगा। पूसा स्थित राजेंद्र
सेंट्रल एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी का नाम बदलकर डॉ. राजेंद्र प्रसाद सेंट्रल
एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी किया गया।
भारत में
रहने वाले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों के लिए अब
वीजा लेना आसान होगा क्योंकि केंद्र सरकार ने नियम आसान बनाने के साथ ही
कई अन्य सुविधाएं देने का फैसला लिया है। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता
में बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि भारत में रह रहे पाकिस्तान,
बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय (हिंदू, सिख, बौद्ध,
जैन, पारसी और ईसाई) के लोगों के लिए वीजा नियमों को आसान बनाने सहित तमाम
तरह की सुविधाएं मुहैया कराने का फैसला लिया गया है। उन्होंने बताया कि
केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की निर्माण कंपनी एनबीसीसी इंडिया में
अपनी 15 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अगले चार
वर्षों में 12000 करोड़ रुपये की लागत से एक करोड़ युवकों को प्रधानमंत्री
कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षित किया जाएगा। पूसा स्थित राजेंद्र
सेंट्रल एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी का नाम बदलकर डॉ. राजेंद्र प्रसाद सेंट्रल
एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी किया गया।
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