Saturday, 16 July 2016

सोशल मीडिया का दुरूपयोग रोकने बने नोडल संस्था, तय हो प्रोटोकॉल: शिवराज

सोशल मीडिया का दुरूपयोग रोकने बने नोडल संस्था, तय हो प्रोटोकॉल: शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिये स्थापित नेशनल इंटेलीजेंस ग्रिड को सक्रिय करने का आग्रह किया है ताकि इस ग्रिड का लाभ राज्य के आसूचना तंत्र को भी मिल सके। उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि सोशल मीडिया का दुरूपयोग रोकने के लिये किसी संस्था को नोडल संस्था बनाया जाना चाहिये। इस संबंध में प्रोटोकॉल तय किया जाना चाहिये। श्री चौहान ने शनिवार को नई दिल्ली में अंतर्राज्य परिषद की ग्यारहवीं बैठक में अपने विचार रखे। बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की।श्री चौहान ने पुलिस आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत भवन मद में धनराशि उपलब्ध करवाने का भी अनुरोध किया है ताकि पुलिसकर्मियों के आवास गृहों का निर्माण जारी रहे। मुख्यमंत्री ने सेंट्रल पैरामिलेट्री फोर्स के गठन के संबंध में अग्रिम भुगतान की व्यवस्था को संशोधित करने की भी जरूरत बतायी। उन्होंने तर्क दिया कि कानून व्यवस्था की स्थिति से निपटने के लिये कई बार अविलम्ब अद्र्धसैनिक बलों का गठन करना जरूरी होता है। वर्तमान व्यवस्था से इसमें विलम्ब होता है।मुख्यमंत्री ने आंतरिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए कहा कि राज्य में पुलिस बल को सुदृढ़ बनाया गया है और सभी जरूरी तकनीकी संसाधनों से सुसज्जित किया गया है। राज्य स्तरीय डायल 100 एकीकृत पुलिस आकस्मिक रिस्पांस सिस्टम की चर्चा करते हुए श्री चौहान ने कहा कि इससे शहरी क्षेत्रों में 5 से 10 मिनट और ग्रामीण क्षेत्रों में 30 से 45 मिनट में आम लोगों को पुलिस सहायता मिल रही है। उन्होंने बताया कि पिछले चार सालों में हर साल 31 हजार से ज्यादा नये पद सृजित किये गये और 50 नये थाने और 108 पुलिस चौकियाँ स्वीकृत की गई हैं। सभी हितग्राहीमूलक योजनाएँ 2017 तक आधार नम्बर से जुड़ेंगीप्रदेश में आधार कार्ड के अधिकाधिक उपयोग के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी सेवाओं के प्रदाय में आधार नम्बर का उपयोग किया जा रहा है। वर्ष 2017 तक सभी हितग्राहीमूलक योजनाओं में आधार नम्बर जोड़ दिया जायेगा। अभी 18 वर्ष की उम्र से ऊपर के सभी लोगों का आधार नम्बर जारी हो चुका है। श्री चौहान ने बताया कि आधार नम्बर का उपयोग करते हुए सामाजिक सुरक्षा पेंशन, स्कूली बच्चों को छात्रवृत्ति, मनरेगा की राशि सीधे हितग्राहियों के खाते में पहुँच रही है। माध्यमिक शिक्षा मंडल, लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में भी आवेदन फार्म में आधार नंबर की जानकारी लेने का निर्णय लिया गया है।श्री चौहान ने बैंकिंग करेस्पोंडेंट मॉडल को और अधिक प्रभावी बनाये जाने की जरूरत पर बल देते हुये कहा कि ग्रामीण अंचलों में बैंकों की सिविल शाखाएँ सीमित संख्या में होने और बैंकिंग करेस्पोंडेंट सुविधा नहीं होने से हितग्राहियों को परेशानी होती है। इस संदर्भ में श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में ’’आपकी पेंशन आपके द्वार’’ और ’चलित बैंकिंग' के माध्यम से पेंशन वितरण’’ जैसी पहल शुरू हो गई है। ’’आपकी पेंशन आपके द्वार’’ में प्रारम्भिक रूप से सागर और विदिशा जिलों को चुना गया है। चलित बैंकिंग से पेंशन वितरण की पहल में शहडोल, अनूपपुर और उमरिया को चुना गया है। यह पहल ऐसी ग्राम पंचायतों में लागू की गई है जहाँ पेंशन हितग्राहियों को पेंशन लेने पाँच किलोमलीटर से ज्यादा दूरी तय करना पड़ती थी।

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