Monday, 18 July 2016

2020 तक किसी भी नगरपालिका का गंदा पानी गंगा में नही गिरेगा मैली करने वालों को मिलेगी कड़ी सज़ा UMA BHARTI

2020 तक किसी भी नगरपालिका का गंदा पानी गंगा में नही गिरेगा मैली करने वालों को मिलेगी कड़ी सज़ा UMA BHARTI

मोदी सरकार ने गंगा नदी की सफाई को लेकर अपनी प्रतिबध्दता संसद में फिर दोहराई। संसद के उच्च सदन राज्यसभा में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने कहा कि केंद्र सरकार साल 2020 तक ये सुनिश्चित करेगी कि गंगा किनारे बसे किसी भी शहर की नगरपालिका का गंदा पानी गंगा नदी में ना गिरे। संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन ही मोदी सरकार में मंत्री उमा भारती ने कहा कि जुलाई, 2016 तक गंगा संरक्षण को लेकर 231 परियोजनाओं को शुरु किया जा चुका है। गंगा किनारे बसे शहरों से गंगा में होने वाले प्रदुषण को लेकर 27 रिपोर्ट मंत्रालय को मिल चुकी है। इसी क्रम में गंगा किनारे के तीन बड़े शहरों से गंगा में प्रदूषण रोकने के लिए टेंडर बनाए जा रहे हैं।
मंत्री महोदया ने बताया कि सरकार ने मथुरा वृंदावन, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, पटना और नई दिल्ली में नमामि गंगे कार्यक्रम की शुरुआत की जा चुकी है। इसके लिए सार्वजनिक क्षेत्र के 5 उपक्रम- वाप्कोस, एनबीसीसी, एनपीसीसी, ईआईएल और ईपीआईएल को लगाया गया है। इतना ही नहीं उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल की 764 औद्योगिक इकाईयों को प्रदुषण संबंधित नोटिस जारी किया जा चुका है। गंगा सफाई को लेकर एक मोबाइल एप्प 'गंगा श्रवण अभियान' लॉन्च किया गया है।उमा भारती ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि गंगा नदी को मैला करने वाली इंडस्ट्रियल यूनिट्स के खिलाफ कड़ा कानून लाने पर विचार किया जा रहा हैजल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में कहा कि नदी में डाली जाने वाली पूजन सामग्री गंगा नदी के मैला होने की मुख्य वजह नहीं है। उन्होंने कहा कि यह पूजन सामग्री नदी की धारा के साथ बह जाती है।उमा भारती ने कहा कि गंगा के मैला होने की मुख्य वजह इंडस्ट्रियल कचरा और सीवेज है। उन्होंने इनेलो के रामकुमार कश्यप के पूरक प्रश्न का जवाब देते हुए ये बात कही।

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