भारत
पर अमेरिका-चीन की लड़ाई का असर पड़ेगा
अमेरिका
के चीन से 34
अरब डॉलर के आयात पर 25
प्रतिशत का अतिरिक्त आयात शुल्क लगाने से कुछ भारतीय उत्पाद अधिक प्रतिस्पर्धी हो
जाएंगे। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने यह बात कही है। उद्योग मंडल के एक
विश्लेषण के अनुसार भारत को अमेरिकी बाजार में मशीनरी, इलेक्ट्रिकल उपकरण, वाहन, परिवहन कलपुर्जे, रसायन, प्लास्टिक और रबड़ उत्पादों पर ध्यान
देना चाहिए।
सीआईआई
ने कहा, ‘अमेरिका
और चीन द्वारा एक दूसरे के आयात पर शुल्क बढ़ाने के फैसले से भारत दोनों देशों के
बाजारों में निर्यात के लिए कई उत्पादों पर ध्यान दे सकता है।’ उद्योग मंडल ने कहा कि जिन उत्पादों पर
शुल्क बढ़ाया गया है उनमें अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले भारत के शीर्ष
उत्पादों में पंप, सैन्य
विमान के कलपुर्जे, इलेक्ट्रोडायग्नास्टिक
उपकरण के पुर्जे, 1500 से
3000
सीसी के यात्री वाहन और वॉल्व बॉडीज शामिल हैं।
सीआईआई
के अनुसार 2017 में
इन उत्पादों का निर्यात पांच करोड़ डॉलर रहा। समन्वित प्रयासों से इन्हें बढ़ाया
जा सकता है। उद्योग मंडल ने कहा कि वियतनाम, इंडोनेशिया, थाइलैंड और मलेशिया जैसे देशों ने हाल
के बरसों में अमेरिका को इन उत्पादों का निर्यात बढ़ाया है।
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