Friday, 10 August 2018

प्रदेश के छात्रावास में दुराचार की घटना से शर्मसार, सरकार निशाने पर CBI जांच की मांग


प्रदेश के छात्रावास में दुराचार की घटना से शर्मसार,  सरकार निशाने पर CBI जांच की मांग


राजधानी के प्राइवेट हॉस्टल में मूक-बधिर छात्राओं के रेप का मामला गर्माता ही जा रहा है।एक तरफ सीएम ने आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने के निर्देश दिए है।आईजी जयदीप प्रसाद द्वारा एसआईटी गठित की गई है, वही दूसरी तरफ विपक्ष लगातार इसको लेकर सरकार पर हमले बोल रहा है। मामले के सामने आने के बाद से ही सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे है।इस घटना को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज को पत्र लिखा है और सीबीआई जांच की मांग की है। वही नाथ ने सीएम से पूछा है कि  प्रदेश में ऐसी कौन सी पांच जगह है जहां बहन-बेटियां सुरक्षित है।
नाथ ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि  मध्यप्रदेश ,देश में पहले ही दुष्कर्म के मामले में शीर्ष पर है। बिहार के मुजफ्फरपुर और यूपी के देवरिया की घटना के बाद अब भोपाल के बालिकागृह में आदिवासी बच्चियों के साथ घटित , जो घटना सामने आयी ,उसने प्रदेश को एक बार फिर देश में शर्मसार कर दिया है। समझ नही आता मुख्यमंत्री शिवराज यह कैसा समृद्ध प्रदेश बना रहे हैं, जहां बहन-बेटियां घर, बाहर ,स्कूल, बालिका गृह, कार्यस्थल ,अस्पताल , कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। एक तरफ तो बहन -बेटियों के साथ प्रतिदिन ऐसी  घृणित घटनाएँ घटित हो रही हैं और दूसरी ओर प्रदेश के बेखबर मुख्यमंत्री जनआशीर्वाद यात्राओं में बड़ी-बड़ी डिंगे हाकने में और नृत्य करने में व्यस्त हैं।
नाथ ने कहा है कि भोपाल की घटना के आरोपी को भाजपा नेताओं के राजनैतिक संरक्षण प्राप्त होने की बात भी सामने आ रही हैं, इसका भी खुलासा होना चाहिए। इसलिये इस पूरे मामले को निष्पक्ष जाँच के लिये सीबीआई को सौंपे शिवराज सरकार ।वे जनआशीर्वाद यात्रा में बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं। लेकिन मैं फिर उनसे सवाल करता हूं कि वे प्रदेश के ऐसे पांच स्थल बतायें ,जहां उनके राज में ,बहन-बेटियों के लिये सुरक्षित माहौल उपलब्ध हो ।उन्होंने कहा कि भोपाल की घटना तो बच्चियों के सामने आने से सामने आयी है। यदि सभी बालिका गृहों व छात्रावासों की सूक्ष्मता से जांच करवायी जाये तो ऐसी कई घटनाऐं सामने आ सकती हैं।
कमलनाथ ने पत्र लिखकर की ये मांग
-सरकार अविलंब प्रदेश के सारे बालिकागृह और छात्रावासों की सूक्ष्मता से जांच कराये।
-वहां पढ़ने, रहने वाली बच्चियों से महिला अधिकारी जाकर संपर्क करें।
- प्रदेश में पिछले 10 वर्षों में एनजीओ के नाम पर हज़ारों संस्थाओ की वृद्धि हुई है। पंजीकृत एनजीओ की सूची सार्वजनिक हो।
-अपंजीकृत संस्थाओं का निरीक्षण हो ।
-किन अपंजीकृत संस्थाओ को सरकारी अनुदान / सहायता मिल रही है , उनकी सूची सार्वजनिक हो ।
-सारे मामले की सीबीआई जाँच हो ।

No comments:
Write comments

Recommended Posts × +