Monday, 16 July 2018

डाटा पर कपंनियों का नहीं ग्राहकों का है अधिकार ट्राई की कपंनियों दो टूक

डाटा पर कपंनियों का नहीं ग्राहकों का है अधिकार ट्राई की कपंनियों दो टूक

डाटा सुरक्षा पर दूरसंचार नियामक ट्राई ने केंद्र सरकार को भेजी गई सिफारिशों में मौजूदा कानून पर सवाल खड़े किए हैं। उसने कहा है कि डाटा पर सिर्फ उपभोक्ता का हक है। निजी कंपनियों द्वारा डाटा एकत्र किया जाना अधिकार से परे है। नियामक ने दूरसंचार विभाग को भेजी गई सिफारिशों में कानून बनाने की सिफारिश की है ताकि निजी कंपनियों के डाटा इकट्ठा करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगे।
ट्राई ने डाटा की निजता, सुरक्षा और मालिकाना हक पर भेजी गई सिफारिशों में कहा है कि मौजूदा डाटा संरक्षण कानून समुचित नहीं है। ग्राहकों के डाटा का गलत इस्तेमाल होने का खतरा है। ऐसे में डाटा संरक्षण को लेकर सरकार नियम बनाए। ऐसा तब तक के लिए किया जाए, जब तक कानून नहीं बन जाता। ऐसी स्थिति में यह जरूरी है कि निर्धारित किए गए नियमों का सख्ती से पालन किया जाए।
मोबाइल, ऑपरेटिंग सिस्टम, ब्राउसर के लिए सरकार नियमों का निर्धारण करे ताकि डाटा का गलत इस्तेमाल किसी भी तरह से नहीं किया जा सके। नियामक ने कहा कि ग्राहकों के पास डाटा का पूर्ण अधिकार हो, वह किसी को अपना डाटा संजोने या रखने की मंजूरी दे सके या फिर पूरी तरह से निजी रखे। इसके साथ ही कंपनियां उपभोक्ताओं की निजता को बनाए रखें। इसकी व्यवस्था सरकार द्वारा नियम बनाकर की जाए।
ट्राई ने पिछले साल एक परामर्श पत्र जारी किया था जिसके बाद इस साल फरवरी में खुली चर्चा भी हुई थी। वह इस मुद्दे पर अपने विचारों को न्यायाधीश बीएन कृष्णा समिति के साथ भी साझा करेगा। यह समिति देश में डाटा संरक्षण की रूपरेखा पर काम कर रही है। विशिष्ट पहचान पत्र आधार के डाटा पर सवाल उठने के बाद सरकार ने इस मुद्दे पर गंभीर रुख अपनाया था। डाटा की गोपनीयता, सुरक्षा व स्वामित्व पर कानून बनाने की कवायद के बीच ट्राई ने सरकार को अपनी सिफारिशें सौंपी है।

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