संसद
का मानसून सत्र पीएम मोदी की अपील के बावजूद हंगामेदार रहेगा
प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष की बुलाई सर्वदलीय बैठक में मानसून
सत्र में संसद को चलाने में सभी दलों खासतौर से विपक्ष से सहयोग की अपील की। बैठक
में सभी दलों ने भी संसद को चलाने का भरोसा दिया। उन्होंने विपक्षी दलों से कहा कि
वे इस सत्र को सुचारु रूप से चलाने में सहयोग करें और सदन में होने वाली बहस को
सार्थक बनाएं। उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक में जो मुद्दे उठाये गये हैं उन पर
सदन में बहस होनी चाहिए। पर दोनों ओर जो रुख है उससे स्पष्ट है कि सत्र हंगामेदार
ही होगा।
बैठक
में विपक्ष की ओर से कई और मसले उठाये गये। विपक्ष इस बार सदन में किसानों की
आत्महत्या, भ्रष्टाचार
और महंगाई जैसे मुद्दे उठाने की तैयारी में है। पहले ही दिन भीड़ की ओर से पीट पीट
कर मार डालने की घटना पर स्थगन प्रस्ताव दिया जा सकता है। उच्च शिक्षा में एससी
एसटी को आरक्षण, गुस्साई
भीड़ की आक्रामकता पर काबू पाने के लिए सख्त कानून की जरूरत बताई गई। सपा के
रामगोपाल यादव ने एससी एसटी का मुद्दा जोर शोर से उठाया।
उच्च
शिक्षा में इस वर्ग के लोगों की अनदेखी की जा रही है। वहीं राजग सहयोगी शिवसेना ने
भी विपक्ष के मुद्दों को समर्थन दिया। दूसरी तरफ विपक्ष इस सत्र में भी सरकार
केखिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में जुट गई है। टीडीपी को ओर से जहां
सभी दलों सेअपने प्रस्ताव पर समर्थन मांगा गया है। वहीं सूत्रों के अनुसार पिछले
सत्र कीतरह ही धीरे धीरे कुछ और विपक्षी दलों की ओर से ऐसा ही प्रस्ताव दिया जा
सकता है।
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