शिव
'राज'
में बच्चों को पिलाया जा रहा है एक्सपायरी डेट वाला
दूध
मध्य
प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान के सीहोर जिले में अपनी गृह विधानसभा क्षेत्र
में शासकीय स्कूल में देश के भविष्य कहे जाने वाले बच्चों की जिंदगी के साथ
खिलवाड़ किया जा रहा है. इससे बड़ी क्या विडम्बना हो सकती है कि स्कूल के बच्चों
को एक्सपायरी डेट वाला दूध दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में
बच्चों के स्वास्थ्य के साथ किया जा रहा यह खिलवाड़ अपने आप में कई सवालों को तो
जन्म देता ही है, साथ
ही प्रदेश में सरकारी योजनाओं की ग्राउंड रियलिटी के लिटमस टेस्ट को भी कटघरे में
खड़ा करता हुआ दिखाई दे रहा है.
मध्यप्रदेश
में सरकारी शिक्षा के क्षेत्र में करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी नतीजा शिफ़र
ही आ रहा है. बेलगाम ब्यूरोक्रेसी योजनाओं की शिल्पी बनकर वाहवाही तो लूट रही है,
लेकिन जमीनी
स्तर पर दम तोड़ती इन योजनाओं की असलियत से भी वाकिफ़ करवा रह है. मुख्यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान का विधानसभा क्षेत्र नसरुल्लागंज जनपद पंचायत में कुछ ऐसी ही
असलियत सामने आई है. संकुल केंद्र लाडकुई के तहत आने वाले शासकीय प्रथामिक शाला
सिंहपुर में बच्चों को एक्सपायर हो चुका दूध पिलाया जा रहा है. शासकीय विद्यालय
में पढ़ने वाले बच्चों को सप्ताह में तीन दिन पिलाया जाने वाला यह दूध एक्सपायर
होने के बाद वितरित किया जाता है. हालांकि शाला प्रभारी ने एक्सपायर डेट देखकर इसे
बच्चों को नहीं दिया.
जानकारी
के अनुसार कक्षा पहली से पांचवी तक के सभी बच्चों को सप्ताह में तीन दिन मिल्क
पाउडर पिलाया जाता है. जब यह पैकेज बच्चों को पिलाने के लिए खोले जाने की तैयारी
की जा रही थी, तभी
इनकी एक्सपायरी डेट पर नजर पड़ी जो की खत्म हो चुकी थी. इन पैकेट्स पर 4 जून 2018 एक्सपायरी डेट अंकित थी. स्कूल में
करीब 86 बच्चे
हैं, लेकिन
हर माह केवल सात से आठ पैकेट मिल्क पाउडर देकर प्रशासन खानापूर्ती कर रहा है.
मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में जब अनियमितताओं का यह आलम है तो पूरे प्रदेश
की स्थिति के बारे मे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है.
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