Sunday, 22 July 2018

कांग्रेस कुछ राज्यों में अकेले दम पर लड़ेगी, बाकी में होगा गठबंधन

कांग्रेस कुछ राज्यों में अकेले दम पर लड़ेगी, बाकी में होगा गठबंधन

कांग्रेस ने गठबंधन की राजनीतिक के तहत कुछ राज्यों में अकेले दम और कुछ राज्यों में क्षेत्रीय दलों से गठबंधन कर 2019 के चुनाव में उतरने का फैसला किया है। पार्टी ने कुछ दलों के साथ चुनाव के पहले और कुछ से चुनाव के बाद गठबंधन का संकेत दिया है।
कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी अपने हितों और विचारों की अनदेखी नहीं होने देगी, लेकिन राष्ट्रहित में वैचारिक मूल्यों का संरक्षण करने के लिए गठबंधन करेगी। साथ ही खुले मन से अलग-अलग राज्यों में प्रजातंत्र को बचाने के लिए पुराने और नए दलों के साथ मिलकर गठबंधन को विस्तार देगी।
भ्रष्टाचार मामले में सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि राफेल सौदे में कुछ न कुछ तो गड़बड़ी है, क्योंकि रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण बार-बार बयान बदल रही हैं। कांग्रेस ने 2018 में तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों समेत 2019 के लोकसभा चुनाव का खाका खींचा है। इस पर सीडब्ल्यूसी ने मुहर लगा दी है। इसके तहत राहुल गठबंधन पर अकेले या कोई कमेटी बनाकर फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं।
बैठक में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने 2019 में सहयोगी दलों के साथ 300 सीटें जीतने का फार्मूला पेश किया है। इसके तहत आधी यानि करीब 150 सीटें कांग्रेस को मिल सकती हैं और आधी सहयोगी दलों के खाते में आने की संभावना जताई है। फार्मूले के तहत कांग्रेस करीब 12 राज्यों में बड़े दल की भूमिका निभाकर चुनाव लड़े तो उसकी सीटों की संख्या तीन गुना हो जाएगी।
चिदंबरम ने कहा कि अन्य राज्यों में कांग्रेस को क्षेत्रीय पार्टियों के पीछे खड़े होने में गुरेज नहीं होना चाहिए। ऐसे में करीब 150 सीटें सहयोगी दलों की भी सुनिश्चित हो जाएंगी। कांग्रेस 2018 के विधानसभा चुनाव वाले मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के अलावा गुजरात, गोवा, असम, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड, केरल जैसे राज्यों में अहम भूमिका निभाना चाहती है।

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