अंबानी का 'ड्रीम' Jio इंस्टीट्यूट 800 एकड़ में बनेगा
रिलायंस फाउंडेशन का आगामी प्रोजेक्ट जियो इंस्टीट्यूट इन दिनों चर्चा में है. केंद्र सरकार की ओर से इसे 'उत्कृष्ट' संस्थान बताया गया था, जिसके बाद से यह सुर्खियों में है. सोशल मीडिया पर भले ही जियो इंस्टीट्यूट को लेकर काफी मजाकिया पोस्ट शेयर हो रहे हो, लेकिन यह रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी का अहम प्रोजेक्ट है.
इकोनॉमिक्स टाइम्स के अनुसार, खुद मुकेश अंबानी उस टीम का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसने जियो इंस्टीट्यूट को आईओई का दर्जा दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी. इस टीम का अहम हिस्सा एजुकेशन एडवाइजर विनय शील ओबेरॉय थे.
अंबानी के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है. ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि उन्होंने पिछली सरकारों को भी ऐसा प्रोजेक्ट दिखाया था. इस यूनिवर्सिटी का प्लान साल 2016 में सामने लाया गया था, जब मंत्रालय में हायर एजुकेशन के सचिव ओबेरॉय ही थे. साथ ही यह प्लान पीएमओ के बीच भी डिस्कस किया गया. जियो की ओर से दिए गए प्लान में कहा गया था कि पहले साल में सभी दस्तावेजों के काम कर लिए जाएंगे और 800 एकड़ भूमि पर काम शुरू हो जाएगा.
रिलायंस फाउंडेशन का आगामी प्रोजेक्ट जियो इंस्टीट्यूट इन दिनों चर्चा में है. केंद्र सरकार की ओर से इसे 'उत्कृष्ट' संस्थान बताया गया था, जिसके बाद से यह सुर्खियों में है. सोशल मीडिया पर भले ही जियो इंस्टीट्यूट को लेकर काफी मजाकिया पोस्ट शेयर हो रहे हो, लेकिन यह रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी का अहम प्रोजेक्ट है.
इकोनॉमिक्स टाइम्स के अनुसार, खुद मुकेश अंबानी उस टीम का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसने जियो इंस्टीट्यूट को आईओई का दर्जा दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी. इस टीम का अहम हिस्सा एजुकेशन एडवाइजर विनय शील ओबेरॉय थे.
अंबानी के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है. ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि उन्होंने पिछली सरकारों को भी ऐसा प्रोजेक्ट दिखाया था. इस यूनिवर्सिटी का प्लान साल 2016 में सामने लाया गया था, जब मंत्रालय में हायर एजुकेशन के सचिव ओबेरॉय ही थे. साथ ही यह प्लान पीएमओ के बीच भी डिस्कस किया गया. जियो की ओर से दिए गए प्लान में कहा गया था कि पहले साल में सभी दस्तावेजों के काम कर लिए जाएंगे और 800 एकड़ भूमि पर काम शुरू हो जाएगा.
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