GST अब 'अपशब्द' बन गया है- चिदंबरम, जीएसटी
के बाद 18 फीसदी
प्रत्यक्ष कर इकट्ठा – जेटली
एक साल पहले एक देश एक टैक्स के
सिद्धांत के तहत जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवा कर पूरे देश में लागू हुआ था. आज एक
साल पूरा होने के अवसर पर मोदी सरकार आज के दिन को जीएसटी दिवस के रूप में मना रही
है. इस मौके पर मोदी सरकार और कांग्रेस एक दूसरे के सामने दिखी. एक ओर जहां मोदी
सरकार के मंत्री जीएसटी की उपलब्धियों को गिनाया, तो वहीं कांग्रेस ने इसकी खामियों को
उजागर किया. उस वक़्त के वित्त मंत्री और मौजूदा केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली का
कहना है जीएसटी वक़्त और देश की मांग थी. इसके ज़रिए अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी
सुधार हुए हैं. ये छोटे कारोबारियों के लिए गेम चेंजर बना है. वहीं, कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि
जीएसटी में कई खामियां हैं, जिससे आम लोगों की परेशानी बढ़ी है.
अरुण जेटली ने क्या कहा-
अरुण जेटली ने सबसे पहले जीएसटी के
लागू होने के एक साल पूरा होने पर देशवासियों को बधाई दी और कहा कि पीएम मोदी के
समर्थन से देश में जीएसटी लागू हो पाया. उन्होंने कहा कि पुरानी सरकारें टैक्स को
लेकर गंभीर नहीं थी, मगर
जीएसटी वक्त और देश की मांग थी. राज्यों को राजस्व के नुकसान का डर था, राज्यों को डर था कि नुकसान की भरपाई
कैसे होगी, मगर
अर्थव्यवस्था में इससे क्रांतिकारी सुधार हुए.
जीएसटी के 1 साल का हाल: सरल और समान कर व्यवस्था
अब भी दूर की कौड़ी
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि
वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी और नोटबंदी के कारण पिछले साल प्रत्यक्ष कर संग्रह
में 18
प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार के पिछले चार वर्षों में
कुल करों में 1.5
प्रतिशत की वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि जीएसटी के लागू होने से पूरा देश एक
बाजार के रूप में उभर कर सामने आया. जीएसटी के लागू होने से छोटे व्यापारियों को
काफी लाभ मिला.
पी चिदंबरम ने क्या कहा-
वहीं, विपक्ष का कहना है कि इस जीएसटी में कई
खामियां हैं. जिसके चलते आम लोगों की इससे परेशानियां बढ़ी हैं. कांग्रेस के दिग्गज
नेता पी चिदंबरम ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जीएसटी को लेकर मोदी सरकार की नीतियों
की आलोचना की. उन्होंने कहा कि जीएसटी की रूपरेखा, ढांचा, दर और अनुपालन में इतनी खामियां है कि
आम लोगों के बीच में यह एक अपशब्द बन गया है. उन्होंने कहा कि व्यापक तौर पर यह
महसूस किया जाता है कि जीएसटी ने आम आदमी पर कर का बोझ बढ़ाया है.
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पी चिदंबरम ने आगे कहा कि जीएसटी के
लागू होने से ऐसा लगता है कि टैक्स प्रशासन ही खुश है क्योंकि उसे अधिक पावर मिल
गये हैं. यह व्यापक रूप से माना जाता है कि जीएसटी ने आम नागरिक के कर बोझ को बढ़ा
दिया है. निश्चित रूप से सरकार की ओर से कर के बोझ को कम नहीं किया गया है,
जैसा कि वादा
किया गया था.
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