Saturday, 30 June 2018

स्विस बैंकों में जमा सारा पैसा कालाधन ही नहीं- जेटली


स्विस बैंकों में जमा सारा पैसा कालाधन ही नहीं- जेटली

स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा राशि में बढ़ोतरी को लेकर विपक्ष के हमलों का वित्त मंत्री अरुण जेटली ने तर्को के साथ जवाब दिया है। उन्होंने इस मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का आरोप लगाया। कहा, जरूरी नहीं है कि स्विस बैंकों में जमा सारा पैसा कालाधन ही हो। फिर भी अगर कोई दोषी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्विस बैंकों में चार साल में भारतीयों के जमा धन में 50 फीसद की बढ़ोतरी को कालेधन से जोड़ने संबंधी खबरों को जेटली ने भ्रामक करार दिया है। इन खबरों के आधार पर विपक्षी दल कालेधन के खिलाफ मोदी सरकार के कदमों के विफल होने का आरोप लगा रहे हैं। शुक्रवार को फेसबुक पर अपने ब्लॉग में अरुण जेटली ने सीबीडीटी की जांच का हवाला देते हुए बताया कि स्विस बैंकों में जमा करने वाले च्यादातर भारतीय मूल के वे लोग हैं, जिन्होंने किसी दूसरे देश की नागरिकता ले रखी है या फिर अनिवासी भारतीय की श्रेणी में हैं। इनके अलावा भारतीय भी कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए स्विस बैंकों में पैसा जमा करा सकते हैं। इसलिए इन्हें कालाधन नहीं कहा जा सकता।
जनवरी से मिलने लगेगी रियल टाइम जानकारी
जेटली ने कहा कि स्विटजरलैंड अब पहले की तरह टैक्स हैवन नहीं रहा। वह दुनिया के दबाव में डाटा शेयर करने के लिए तैयार हो गया है। जनवरी, 2019 से भारत को भी इसकी रियल टाइम जानकारी मिलनी शुरू हो जाएगी। इस जानकारी पर कालाधन रखने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
40 फीसद रकम तो एलआरएस से गई : गोयल
कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने इस बीच मीडिया रिपोर्ट के हवाले से कहा कि इसमें से करीब 40 फीसद राशि रुपये बाहर भेजने की उदार योजना (लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम-एलआरएस) की वजह से वहां पहुंची है। एलआरएस पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के कार्यकाल में लागू हुई थी। इसमें कोई भी व्यक्ति प्रतिवर्ष 2.50 लाख डॉलर तक बाहर भेज सकता है। उन्होंने भी कहा कि यदि कोई दोषी पाया गया तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी।

No comments:
Write comments

Recommended Posts × +