Tuesday, 12 June 2018

ये मुलाकात नहीं थी आसान ट्रंप से हाथ मिलाकर बोले किम जोंग


ये मुलाकात नहीं थी आसान ट्रंप से हाथ मिलाकर बोले किम जोंग

एक दूसरे को खुले तौर पर परमाणु युद्ध और सबक सिखाने की धमकी देने वाले दुनिया के दो बड़े नेताओं ने आज सारी दूरियां मिटाकर एक दूसरे से हाथ मिलाया. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के प्रमुख किम जोंग उन ने सिंगापुर के सेंटोसा द्वीप में एक दूसरे से हाथ मिलाया और हंसकर बातचीत भी की.
दोनों नेताओं के बीच हो रही ये बैठक कई मायनों में ऐतिहासिक हैं. अमेरिका के किसी सिटिंग राष्ट्रपति ने पहली बार किसी उत्तर कोरियाई नेता से मुलाकात की है. वहीं, सत्ता संभालने के 7 साल बाद किम जोंग उन पहली बार इतनी लंबी विदेश यात्रा पर आए हैं.
मीटिंग पर 100 करोड़ खर्च
इस मुलाकात में कोई कमी न रह जाए इसके लिए मेजबान सिंगापुर भी जबरदस्त तैयारी कर चुका है. ये तैयारी कितनी जबरदस्त है कि इसका अंदाजा इसी बात से लगाइये कि भारतीय रुपयों में करीब 100 करोड़ का खर्च आ रहा है.
लेकिन असल सवाल तो यही है कि मुलाकात होगी तो क्या बात होगी? उत्तर कोरिया के सेंट्रल न्यूज एजेंसी के मुताबिक कई मुद्दों पर अहम चर्चाएं होंगी जिस पर पूरी दुनिया की निगाहें और उम्मीदें टिकी हैं.
खुद किम जोंग उन ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग से कहा कि अमेरिका और उत्तर कोरिया की ऐतिहासिक मुलाकात को पूरी दुनिया देख रही है. वहीं, मुलाकात से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने लगातार किम से अपनी मुलाकात को लेकर ट्वीट किए. डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट करके कहा है कि सिंगापुर आना अहम है, वातावरण में उत्साह है!
क्या परमाणु निशस्त्रीकरण पर किम होंगे राजी
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने भी कहा है कि उत्तर कोरिया को अमेरिका ऐसी सुरक्षा गारंटी देने को तैयार है ताकि उन्हें लगे परमाणु निशस्त्रीकरण से उनका अंत नहीं होने जा रहा.
अमेरिका बार-बार संकेत दे रहा है कि ट्रंप-किम की बात तभी आगे बढ़ेगी, जब उत्तर कोरिया पूरी तरह परमाणु निशस्त्रीकरण पर राजी हो जाए.
यूं तो उत्तर कोरिया ने अपनी परमाणु टेस्ट साइट को नष्ट कर दिया है, लेकिन परमाणु हथियारों के जखीरे को नष्ट करना एक बड़ी बात होगी, जिसे लेकर किम जोंग उन के देश ने अपने पत्ते अभी नहीं खोले हैं.
लेकिन ट्रंप किस हद तक अपनी बात मनवाना चाहते हैं, इसे सिंगापुर पहुंचने के पहले के उनके इस बयान से समझा जा सकता है? उन्होंने कहा था कि वो फौरन जान जाएंगे कि किम जोंग उन मुलाकात को लेकर गंभीर हैं या नहीं? अब सबकी नजर इस बात पर है कि दोनों नेताओं की दुश्मनी यूं ही चलेगी या दोस्ती की बात होगी?

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