दिल्ली
पहुंचने से पहले कुमारस्वामी ने कांग्रेस से कैबिनेट पर मंथन किया
कर्नाटक
का सियासी ड्रामा बीजेपी सरकार गिरने के बाद भी खत्म होता नजर नहीं आ रहा है.
बेंगलुरु से लेकर दिल्ली तक हलचल तेज हो गई है. सदन में सरेंडर कर चुके बीएस
येदियुरप्पा के बाद अब बहुमत साबित करने की चुनौती जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी के
सामने है. यही वजह है कि 23 मई को होने वाले कुमारस्वामी के शपथग्रहण को लेकर कांग्रेस-जेडीएस एक नए
फॉर्मूले पर विचार कर रही है.
कुमारस्वामी
के आने से पहले ही दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के घर मीटिंग हुई. इस
मीटिंग में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ,अशोक
गहलोत और वेणुगोपाल ने हिस्सा लिया. मीटिंग के बाद गुलाम नबी आजाद ने बताया कि
राहुल गांधी और कुमारस्वामी मिलकर कैबिनेट पर फैसला लेंगे. उन्होंने ये भी कहा कि
हमारे विधायक एकसाथ हैं और हम सदन में बहुमत साबित करेंगे.
वहीं, सूत्रों के मुताबिक कर्नाटक कैबिनेट को लेकर
नया फॉर्मूला बनाया जा रहा है. जिसके तहत बुधवार (23
मई) को कुमारस्वामी अकेले ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. ये भी जानकारी है
कि उनके साथ कुछ महत्वपूर्ण मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है. लेकिन पूरे
मंत्रिमंडल का गठन बहुमत साबित होने के बाद ही किया जाएगा.
दरअसल, ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि कैबिनेट में
जगह न मिल पाने से कुछ विधायकों की नाराजगी भी सामने आ सकती है. ऐसे में कांग्रेस
और जेडीएस कोई भी रिस्क नहीं उठाना चाहती है. इसलिए पहले दोनों पार्टियां सदन के
पटल पर कुमारस्वामी सरकार का फ्लोर टेस्ट पास कराना चाहती हैं और उसके बाद बाकी
मंत्रियों को शपथ दिलाने की योजना है. बताया जा रहा है कि दोनों ही गठबंधन दलों
में इस फॉर्मूले पर सहमति बन रही है.
कांग्रेस
में कैबिनेट को लेकर मंथन हो चुका है. अब कुमारस्वामी दिल्ली पहुंच रहे हैं, जो राहुल गांधी और सोनिया गांधी के साथ मुलाकात
करेंगे. कुमारस्वामी के अलावा कर्नाटक कांग्रेस के नेता भी आज दिल्ली में रहेंगे.
और
भी हैं डर की वजह!
कैबिनेट
में जगह मिलने से नाराजगी सामने के अलावा कुछ और कारण भी कांग्रेस और जेडीएस के
शीर्ष नेतृत्व की चिंता का सबब बने हैं. गठबंधन के तहत सीएम की कुर्सी जेडीएस के
कुमारस्वामी को मिल रही है, जबकि कांग्रेस के खाते में डिप्टी सीएम
की पोस्ट आ रही है. लेकिन इससे आगे बढ़कर अब लिंगायत समुदाय से भी एक डिप्टी सीएम
की मांग उठने लगी है. लिंगायत समुदाय के संगठन ऑल इंडिया वीरशैव महासभा के नेता
तिप्पाना खुला खत लिखकर कांग्रेस विधायक शमनूर शिवशंकरप्पा को उपमुख्यमंत्री बनाने
की मांग भी कर चुके हैं.
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