भाजपा सरकार नफा-नुकसान की नीति पर काम करती है - कमलनाथ
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि भाजपा सरकार की सोच मजदूर विरोधी है। इस सरकार ने मजदूरों का शोषण करते हुए हमेशा ही नफा-नुकसान की नीति पर काम किया है।
कमलनाथ आज यहां भेल क्षेत्र में इंटक के बैनर तले मजदूरों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इंदिराजी ने कहा था कि हमें मजदूरों की चिंता है। इसलिये कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण किया गया। उन्होंने इंटक संगठन से कहा कि मुझे खुशी है कि आप सभी लोग उन सिद्धांतों और सभ्यता से जुड़े हैं जो मजदूरों के लिये सोचती है। उन्होंने कहा कि पहले प्रधानमंत्री नेहरू जी नेे अंग्रेजों के बनाये कानून में ऐसे संशोधन किये जिससे मजदूरों के अधिकारों की रक्षा हुई। जब-जब मजदूरों की बात आई तो कांग्रेस पार्टी ही आगे आई।
कमलनाथ ने कहा कि विधानसभा चुनाव की चुनौती हमारे सामने है। आज मजदूर, किसान, युवा, व्यापारी, महिलाएं हर वर्ग परेशान है। नोटबंदी और जीएसटी ने उन्हें तोड़ दिया है। आज सबसे बड़ा प्रश्न हमारे मजदूर भाइयों के भविष्य का है। नौजवान व्यवसाय का मौका चाहते हैं। महिलायें सुरक्षा चाहती हैं। यदि सब एकजुट हो जायें तो कांग्रेस को आने से कोई नहीं रोक सकता। भाजपा की राजनीति से अब प्रदेश का मतदाता नहीं ठगायेगा। उन्होंने कहा कि एक बार टिमरनी से और एक बार परासिया से कांग्रेस की टिकिट पर इंटक नेता ही जीते थे।
अभा कांग्रेस महासचिव और प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने कहा कि देश में रोजगार के अवसर 53 फीसदी खत्म हो गये हैं। नोटबंदी के कारण तीन करोड़ लोग रोजगार से वंचित हो गये हैं। कांट्रेक्ट लेबर नीति के कारण मजदूर को 24 हजार की जगह केवल आठ हजार रूपये ही मिलते हैं। बाकी पैसा कंपनी ठेकेदारों के पास चला जाता है। ये कंपनियां भाजपा नेताओं की ही हैं। हम सरकार बनने पर कान्ट्रेक्ट लेबर समाप्ति का समाधान ढूंडें़गे। श्री बावरिया ने कहा कि देश में छोटे किसानों और श्रमिकों के लिये कोई जगह नहीं है। राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश में श्रम कानूनों में जो संशोधन हुए हैं उससे लगता है अब मजदूरों के लिए ईश्वर ही बचा है। बावरिया ने कहा कि विद्युत कंपनियों में बंधुआ मजदूर के रूप में लोग काम करते हैं। वे आंदोलन करते हैं तो सरकार का कोई आदमी पूछने तक नहीं आता। आज कामगारों के पास मौका है कि शिवराज की जुमले वाली सरकार को उखाड़ फेंकें।
नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश के भविष्य का फैसला अब मजदूरों के हाथ में है। कमलनाथ मजदूरों के सबसे बड़े हितैषी हैं, आज से नहीं बल्कि जबसे वे छिंदवाड़ा से सांसद हैं। उन्होंने कांग्रेस के बैनर तले हमेशा मजदूरों की लड़ाई लड़ी। उनके आने से ऊर्जा का संचार हुआ है क्योंकि उन्होंने मजदूर दिवस एक मई को पदभार संभाला और जो पहला कार्यक्रम किया वह मजदूर संगठन का ही है।
इस अवसर पर मध्यप्रदेश इंटक अध्यक्ष आर. डी. त्रिपाठी ने इस सरकार में मजदूरों के साथ हो रहे अन्याय के बारे में अपनी बात रखी। इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी.नीलम रेड्डी और छत्तीसगढ़ इंटक अध्यक्ष संजय सिंह सहित कांग्रेस पदाधिकारी और नेतागण सर्वश्री चंद्रप्रभाष शेखर, मानक अग्रवाल, गोविंद गोयल, पी.सी. शर्मा, डॉ. महेन्द्रसिंह चौहान आदि भी उपस्थित थे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि भाजपा सरकार की सोच मजदूर विरोधी है। इस सरकार ने मजदूरों का शोषण करते हुए हमेशा ही नफा-नुकसान की नीति पर काम किया है।
कमलनाथ आज यहां भेल क्षेत्र में इंटक के बैनर तले मजदूरों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इंदिराजी ने कहा था कि हमें मजदूरों की चिंता है। इसलिये कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण किया गया। उन्होंने इंटक संगठन से कहा कि मुझे खुशी है कि आप सभी लोग उन सिद्धांतों और सभ्यता से जुड़े हैं जो मजदूरों के लिये सोचती है। उन्होंने कहा कि पहले प्रधानमंत्री नेहरू जी नेे अंग्रेजों के बनाये कानून में ऐसे संशोधन किये जिससे मजदूरों के अधिकारों की रक्षा हुई। जब-जब मजदूरों की बात आई तो कांग्रेस पार्टी ही आगे आई।
कमलनाथ ने कहा कि विधानसभा चुनाव की चुनौती हमारे सामने है। आज मजदूर, किसान, युवा, व्यापारी, महिलाएं हर वर्ग परेशान है। नोटबंदी और जीएसटी ने उन्हें तोड़ दिया है। आज सबसे बड़ा प्रश्न हमारे मजदूर भाइयों के भविष्य का है। नौजवान व्यवसाय का मौका चाहते हैं। महिलायें सुरक्षा चाहती हैं। यदि सब एकजुट हो जायें तो कांग्रेस को आने से कोई नहीं रोक सकता। भाजपा की राजनीति से अब प्रदेश का मतदाता नहीं ठगायेगा। उन्होंने कहा कि एक बार टिमरनी से और एक बार परासिया से कांग्रेस की टिकिट पर इंटक नेता ही जीते थे।
अभा कांग्रेस महासचिव और प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने कहा कि देश में रोजगार के अवसर 53 फीसदी खत्म हो गये हैं। नोटबंदी के कारण तीन करोड़ लोग रोजगार से वंचित हो गये हैं। कांट्रेक्ट लेबर नीति के कारण मजदूर को 24 हजार की जगह केवल आठ हजार रूपये ही मिलते हैं। बाकी पैसा कंपनी ठेकेदारों के पास चला जाता है। ये कंपनियां भाजपा नेताओं की ही हैं। हम सरकार बनने पर कान्ट्रेक्ट लेबर समाप्ति का समाधान ढूंडें़गे। श्री बावरिया ने कहा कि देश में छोटे किसानों और श्रमिकों के लिये कोई जगह नहीं है। राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश में श्रम कानूनों में जो संशोधन हुए हैं उससे लगता है अब मजदूरों के लिए ईश्वर ही बचा है। बावरिया ने कहा कि विद्युत कंपनियों में बंधुआ मजदूर के रूप में लोग काम करते हैं। वे आंदोलन करते हैं तो सरकार का कोई आदमी पूछने तक नहीं आता। आज कामगारों के पास मौका है कि शिवराज की जुमले वाली सरकार को उखाड़ फेंकें।
नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश के भविष्य का फैसला अब मजदूरों के हाथ में है। कमलनाथ मजदूरों के सबसे बड़े हितैषी हैं, आज से नहीं बल्कि जबसे वे छिंदवाड़ा से सांसद हैं। उन्होंने कांग्रेस के बैनर तले हमेशा मजदूरों की लड़ाई लड़ी। उनके आने से ऊर्जा का संचार हुआ है क्योंकि उन्होंने मजदूर दिवस एक मई को पदभार संभाला और जो पहला कार्यक्रम किया वह मजदूर संगठन का ही है।
इस अवसर पर मध्यप्रदेश इंटक अध्यक्ष आर. डी. त्रिपाठी ने इस सरकार में मजदूरों के साथ हो रहे अन्याय के बारे में अपनी बात रखी। इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी.नीलम रेड्डी और छत्तीसगढ़ इंटक अध्यक्ष संजय सिंह सहित कांग्रेस पदाधिकारी और नेतागण सर्वश्री चंद्रप्रभाष शेखर, मानक अग्रवाल, गोविंद गोयल, पी.सी. शर्मा, डॉ. महेन्द्रसिंह चौहान आदि भी उपस्थित थे।
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