जीएसटी
से बाहर रहेंगी मुफ्त बैंकिंग सेवाएं, वित्त मंत्रालय ने कर अधिकारियों को दिया सुझाव
मुफ्त
बैंकिंग सेवाओं जैसे चेकबुक जारी करना और एटीएम से निकासी को जीएसटी के दायरे से
बाहर रहने की उम्मीद है। यह बात वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कही।
वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) ने अपने राजस्व समकक्ष से संपर्क कर इस पर कायम भ्रम
को दूर करने की मांग की है कि बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों को दी जाने वाली कुछ
मुफ्त सेवाओं पर जीएसटी लगेगा या नहीं। एक अधिकारी ने एक साक्षात्कार में कहा कि
वित्तीय सेवा विभाग को उम्मीद है कि राजस्व विभाग उसे बताएगा कि मुफ्त बैंकिंग
सेवाओं पर जीएसटी नहीं लगेगा।
सर्विस
टैक्स विभाग ने भेजा था नोटिस
उल्लेखनीय
है कि मुफ्त सेवाओं पर कर का भुगतान नहीं करने के एवज में बैंकों को सेवा कर के
लिए नोटिस भेजे गए हैं। वित्तीय सेवा विभाग ने राजस्व विभाग से संपर्क कर यह
स्पष्ट किए जाने की मांग की है कि ऐसी सेवाओं पर जीएसटी लगेगा या नहीं।
एक
सीमा तक हैं मुफ्त
वित्तीय
सेवा विभाग का मानना है कि चेक बुक जारी करना, एकाउंट स्टेटमेंट जारी करना और एटीएम
से निकासी जैसी सेवाएं एक सीमा तक मुफ्त हैं और वाणिज्यिक गतिविधियां नहीं हैं।
इसलिए इन्हें जीएसटी के दायरे में नहीं लाया जा सकता है। बैंकों के प्रबंधन की ओर
से इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) ने भी इस पर कर अधिकारियों से संपर्क किया था।
मुफ्त
नहीं सेवाएं, न्यूनतम
बैलेंस रखना जरूरी
बैंकों
को 2012 से 2017
तक की अवधि के
लिए सेवा कर के नोटिस भेजे गए हैं, क्योंकि कर अधिकारियों का मानना है कि बैंक इन
सेवाओं को मुफ्त नहीं दे रहे हैं, बल्कि ग्राहकों को न्यूनतम खाता बैलेंस रखने के
लिए कहकर उनसे शुल्क ले रहे हैं। हर बैंक ग्राहकों के लिए न्यूनतम बैलेंस का
अलग-अलग स्लैब तय करता है, जिसके आधार पर कुछ मुफ्त सेवाएं दी जाती हैं।
जीएसटी एक जुलाई 2017 से
लागू हुआ है। इसके पहले वस्तु एवं सेवाओं पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सेवा कर
लगता था।
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