विश्व
स्वास्थ्य दिवस पर नवीन वैक्सीन का राज्यपाल द्वारा शुभारम्भ
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि
स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पतालों में डाक्टरों द्वारा लिखी जाने वाली दवाइयों का
पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित किया जाये। डाक्टर गरीबों तथा ग्रामीणों को वही दवाएँ
लिखें, जो
अस्पतालों में उपलब्ध हों। सरपंचों तथा जन-प्रतिनिधियों की जिम्मेदारी है कि
टीकाकरण अभियान में पूरा सहयोग दें। उन्होंने किशोरियों के स्वास्थ्य पर विशेष
ध्यान देने पर जोर देते हुए कहा कि जांच के दौरान अगर हीमोग्लोबिन कम निकले,
तो उसका पोषण
बढ़ा कर इलाज करें। राज्यपाल ने आज विश्व स्वास्थ्य दिवस पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा
आयोजित बच्चों को निमोनिया तथा दिमागी बुखार जैसी जानलेवा बीमारी से सुरक्षा
प्रदान करने वाली नवीन वैक्सीन पीसीबी के शुभारम्भ समारोह को सम्बोधित कर रही थीं।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश की सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में नवीन वैक्सीन पीसीवी (टीका)
नि:शुल्क टीकाकरण के लिए उपलब्ध रहेगा।
राज्यपाल
श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि डाक्टर गांवों में जाकर सरपंचों और
जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध करायें और विकास में अपना
योगदान दें। उन्होंने डॉक्टरों से कहा कि बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए सरकार
को सहयोग प्रदान करें। आँगनवाड़ी और प्राथमिक शालाओं में बच्चों को वितरित होने
वाले भोजन की गुणवत्ता और पौष्टिकता और पानी की शुद्धता की भी जांच करें। गांव,
शहर, स्कूल, आँगनवाड़ी तथा सार्वजनिक स्थलों पर सफाई
अभियान में सभी वर्ग सहयोग करें। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए शौचालय बहुत
आवश्यक है। देश में शौचालय बनाने का 80 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। आने वाले 2-3 साल में हमारे देश में शत-प्रतिशत
शौचालय का निर्माण हो जायेगा।
स्वास्थ्य
मंत्री श्री रूस्तम सिंह ने कहा कि डाक्टरों के साथ-साथ सभी में सेवाभाव होना
चाहिए। मध्यप्रदेश को स्वस्थ प्रदेश बनाने के लिए सभी मिल-जुलकर कार्य करें। इस
बात पर ध्यान दें कि हम ग्रामीणों, गरीबों और पिछड़े लोगों तक बेहतर स्वास्थ्य
सुविधाएँ कैसे पहुँचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में
निरंतर सुधार हो रहा है और अस्पतालों में सुविधाएँ बढ़ रही हैं।
स्वास्थ्य
विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती गौरी सिंह ने समारोह में अतिथियों का स्वागत किया।
राज्यपाल ने कायाकल्प कार्यक्रम के अंतर्गत उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली संस्थाओं
और सरपचों को भी पुरस्कृत किया। इस अवसर पर आयुक्त स्वास्थ्य श्रीमती पल्लवी जैन,
राष्ट्रीय स्वास्थ्य
मिशन के संचालक श्री एस. विश्वनाथन, यूनिसेफ के प्रतिनिधि माईकल जूमा और विश्व
स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि डॉ. बी.पी. सुब्रामण्यम उपस्थित थे।
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