हीरक जयंती महोत्सव पर श्वेतांबर जैन समाज की तीन
दीक्षाएं एक साथ हुई,
श्वेतांबर जैन समाज की तीन दीक्षाएं में रविवार
को दलालबाग व्हीआईपी रोड पर हुई। एक ही मंच पर 9 वर्षीय परी
उर्फ प्रियांशी, 18 वर्षीया शिवानी और 75 वर्षीय कमला
बेन अपने संसारी जीवन को त्याग कर जप,तप और वैराग्य के मार्ग पर चलते हुए
साध्वी बन गई।
परी को अब सोहम निधिश्रीजी, शिवानी
को ग्रंथ ज्योतिश्रीजी एवं कमला बेन को मोक्षिताश्रीजी महाराज के रूप में नए नाम
से जाना जाएगा। दीक्षा की विभिन्ना रस्में तीन सौ से अधिक साधु-साध्वी की मौजूदगी
में लगभग तीन घंटे चली। इस दृश्य के साक्षी हजारों समाजजन बने।
दीक्षा महोत्सव में सबसे पहले तीनों दीक्षार्थी
संसारी वेशभूषा में सजधज कर मंच पर आई, और जैनाचार्यो को प्रणाम किया। सबसे
पहले कमला बेन फिर शिवानी के बाद सबसे अंत में बाल मुमुक्षु परी को उनके परिजन मंच
पर लेकर आए।
इसके बाद तीनों दीक्षार्थियों के मंच पर आने पर
जैनाचार्यों ने उन्हें पिच्छी और आसन देकर मंत्र पढक़र सिर पर वासक्षेप की वर्षा कर
सुरक्षाकवच प्रदान किया। पिच्छी लेकर उन्होंने नृत्य करते हुए समवशरण की परिक्रमा
की। चैत्यवंदन, नंदीसूत्र के वाचन एवं सकल श्रीसंघ से अनुमति
के बाद रिश्तेदारों ने अंतिम विजय तिलक लगा कर उन्हें अपना वेश बदलने के लिए अलग
कक्ष में जाने की सहमति प्रदान की।
लगभग आधे घंटे बाद जब वे वापस उसी मार्ग से
लौटी तो उनका परिवेश साध्वी का था और साध्वी जीवन में प्रयुक्त होने वाली सभी
चीजें उनके कांधे पर शोभित थी। जैसे उन्होंने साध्वी वेश में प्रवेश किया, उनके
दर्शन की एक झलक पाने के लिए लोग उमड पडेा मंच पर पहुंचने के बाद तीनों साध्वियों
के बचे हुए सात केश लोचन कर रिश्तेदारों को सौंपे गए। साध्वी परिवेश के बाद
उन्होंने सत्तरभेदी पूजा भी संपन्ना की।
रजोहरण, वेशपरिवर्तन,
केशलोच,
पचकाण
की विधियां संपन्ना होते ही जैनाचार्यो ने उन्हे नए नाम प्रदान किया। आयोजन समिति
के महोत्सव संयोजक ललित सी.जैन, प्रीतेश ओस्तवाल व राकेश मारवाडी ने
बताया कि इस अवसर पर गच्छाधिपति दौलतसागर, आचार्य नंदीवर्धन सागर , आचार्य
जीतरत्नसागर,आचार्य हर्ष सागर एवं आचार्य विश्वरत्न सागर
महाराज मौजूद थे।
कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव
कैलाश विजयवर्गीय, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग नई दिल्ली के सदस्य
सुधीर सिंघवी, भाजपा के संभागीय संगठन मंत्री जयपाल सिंह
चावडा, विधायक रमेश मेंदोला, सुदर्शन गुप्ता, राजेश सोनकर,महेन्द्र
हार्डिया, देवी अहिल्या वि.वि. के कुलपति डॉ. नरेंद्र धाकड;, इविप्रा
अध्यक्ष शंकर लालवानी आदि ने शिरकत की। संचालन प्रीतेश ओस्तवाल ने किया। आभार माना
दिलीप जैन ने।
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