अपना अकादमिक कैलेण्डर विश्वविद्यालय ही तैयार
करेंगे : राज्यपाल श्रीमती पटेल
राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने कहा है कि
अगले शिक्षा सत्र से प्रदेश के सभी महाविद्यालयों में कक्षाओं के सुव्यवस्थित
संचालन, समय पर परीक्षाएं कराने और परिणाम घोषित करने के लिए सभी
विश्वविद्यालयों द्वारा अपने-अपने स्तर पर अकादमिक केलेण्डर तैयार किया जायेगा।
इसके लिए सभी कुलपतियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं। अकादमिक
केलेण्डर तैयार करने के लिए 6 अप्रैल को भोपाल में प्रदेश के सभी
कुलपतियों की बैठक आयोजित की गयी है।
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि
विश्वविद्यालयों को अकादमिक कैलेण्डर का समयबद्ध क्रियान्वयन करना होगा। कक्षाओं
का सुव्यवस्थित संचालन भी करवाना चाहिये। विश्वविद्यालय परीक्षाएं समय पर पारदर्शी
रूप से करायें तथा परिणाम भी समय पर घोषित करें। सभी परीक्षा केन्द्रों में सी.सी.
टीवी कैमरे लगाये जायें तथा परीक्षाओं के दौरान साक्षात्कार की वीडियो रिकार्डिंग
भी कराई जाये। उन्होंने महाविद्यालयों में मेरिट के आधार पर प्रवेश देने, आवश्यकता
के अनुसार पाठ्यक्रमों में बदलाव करने तथा समय के अनुरूप नये पाठ्यक्रम शुरू करने
के निर्देश दिये। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में गुणोत्तर सुधार के लिये
समय और अनुशासन का पालन जरूरी है। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा क्रियान्वित
योजनाओं, कार्यक्रमों और नीतियों के बारे में भी शोध, अनुसंधान करवाना
चाहिये। इससे योजनाओं के क्रियान्वयन और उससे लोगों के जीवन में आये बदलाव का आकलन
करना आसान होगा। साथ ही, योजना को और अधिक बेहतर बनाने के संबंध
में भी सुझाव मिलेंगे। उन्होंने युवाओं को स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की
गतिविधियों से जोड़ने की जरूरत भी बताई। श्रीमती पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री
नरेन्द्र मोदी की एक भारत- श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार करना होगा। इस दिशा
में विश्वविद्यालय भी अपने स्तर पर प्रयास करें। राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थियों
में शिक्षा के साथ अन्य प्रतिभाएं भी हैं। बालिकाओं में खेलों के प्रति तेजी से
रूझान बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में एथेलेटिक ट्रैक बन जाने से
इंदौर सहित आसपास के खिलाड़ियों को भी मदद मिलेगी।
लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन ने कहा
कि इंदौर शिक्षा का बड़ा हब है। यहां अनेक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान हैं। यहाँ
आई.आई.टी. के साथ आई.आई.एम. भी है। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय को मिला 'ए''
ग्रेड
यहाँ की बेहतर शैक्षणिक गुणवत्ता को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि इंदौर में
देश के अन्य हिस्सों से भी बड़ी संख्या में विद्यार्थी अध्ययन करने के लिए आते हैं।
ऐसे समय में जरूरी हो गया है कि दूरस्थ शिक्षा व्यवस्था को प्रभावी बनाया जाये तथा
उसका व्यापक प्रसार किया जाये। दूरस्थ शिक्षा का प्रसार स्कूलों तक भी होना
चाहिये। उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ विद्यार्थियों को संस्कार देने की भी जरूरत
है। लोकसभा अध्यक्ष ने विद्यार्थियों का आव्हान किया कि संस्कारवान बनें। शिक्षा
के साथ अपनी बुद्धि में पैनापन भी लायें और अपने आपको स्वयं-सिद्धा बनायें।
उन्होंने कहा कि शिक्षा और ज्ञान का उपयोग समाज और राष्ट्र को सशक्त बनाने के लिए
करना होगा। ज्ञान को बाँटे। ज्ञान अनमोल धन है। यह ऐसी पूंजी है जिसे जितना
बाँटोगे, उतना ही बढ़ेगा। इसे चोर चुरा नहीं सकता।
समारोह में राज्यपाल और लोकसभा अध्यक्ष ने
विद्यार्थियों को उपाधि, स्वर्ण-पदक तथा रजत-पदक प्रदान किये।
इस मौके पर राज्यपाल श्रीमती पटेल और लोक सभा अध्यक्ष श्रीमती महाजन ने
विश्वविद्यालय परिसर में 7 करोड़ रूपये की लागत से नव-निर्मित
सिंथेटिक एथेलेटिक ट्रैक का लोकार्पण और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सेंटर का शुभारंभ
किया। राज्यपाल श्रीमती पटेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आई.आई.एम.
अहमदाबाद के प्रोफेसर शैलेष गांधी और आई.आई.एम. इंदौर के प्रोफेसर श्री अभिषेक
मिश्रा से बात की।
कार्यक्रम
में कुलपति डॉ. नरेन्द्र धाकड़ पूर्व कुलपति श्री आशुतोष मिश्रा, कुल
सचिव श्री अजय वर्मा, कार्यकारणी परिषद के सदस्य, जनप्रतिनिधि, गणमान्य
नागरिक, विद्यार्थी आदि मौजूद थे।
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