राज्य स्तरीय असंगठित श्रमिक सम्मेलन में मुख्यमंत्री
ने श्रमिकों से की सीधी बातचीत
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि
श्रमिकों की सेवा वास्तव में भगवान की सेवा के समान है। सरकार श्रमिकों की
समस्याओं को दूर करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी। श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश
की विकास दर और कृषि विकास दर में हुई वृद्धि में सर्वाधिक योगदान श्रमिकों का ही
है। श्री चौहान आज जबलपुर जिले के पनागर विकासखण्ड मुख्यालय में राज्य स्तरीय
असंगठित श्रमिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर श्रमिकों
से उनकी समस्याओं के बारे में सीधी बातचीत की और हर समस्या के निराकरण का संकल्प
जताया।
श्री चौहान ने घोषणा की कि प्रदेश के हर श्रमिक
को पक्का मकान मुहैया करवाया जाएगा। तीन साल के अंदर यह काम पूर्ण होगा। उन्होंने
कहा कि शहरों में श्रमिकों को पक्के मकान उपलब्ध कराए जाएंगे। ग्रामों में श्रमिक
परिवारों का चिन्हांकन कर उन्हें भूमि के पट्टे और पक्का मकान बनाने के लिए राशि
मुहैया कराई जाएगी।
श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा की फीस सरकार
भरेगी
श्री चौहान ने कहा कि पहली कक्षा से लेकर
डॉक्टरेट तक की पढ़ाई के लिए श्रमिकों के बच्चों की फीस सरकार भरेगी। इसमें
इंजीनियरिंग, मेडिकल तथा नाम-चीन प्रबंध संस्थान भी शामिल
होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिकों के बच्चों के लिये पब्लिक स्कूलों की तर्ज
पर भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और इंदौर में श्रमोदय विद्यालय खोले
जाएंगे। इन विद्यालयों में श्रमिकों के बच्चों को सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई
जाएंगी।
प्रतिभावान बच्चों को मिलेगी नि:शुल्क कोचिंग
श्री चौहान ने प्रतिष्ठित सेवाओं के लिए होने
वाली प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए असंगठित श्रमिकों के प्रतिभावान बच्चों
को बेहतरीन संस्थानों में निःशुल्क कोचिंग उपलब्ध करवाने की घोषणा की। उन्होंने
कहा कि इन संस्थानों की फीस सरकार भरेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गंभीर बीमारी से
ग्रस्त होने पर आवश्यकतानुसार श्रमिकों के लिए प्रतिष्ठित निजी अस्पतालों में इलाज
की व्यवस्था भी की जाएगी। जरूरी होने पर बड़े शहरों में भी उनके इलाज के इंतजाम किए
जाएंगे। उन्होंने छोटे-छोटे काम-धंधों में लगे असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए
लघु अवधि प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना की घोषणा करते हुए कहा कि इससे अकुशल
श्रमिक कुशल श्रमिक बन सकेंगे।
श्री चौहान ने कहा कि हमारा सपना है कि प्रदेश
के श्रमिक अपना खुद का रोजगार स्थापित करने में सक्षम बनें। इसके लिए श्रमिकों के
लिए एक वर्ष के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी तथा उन्हें बैंक से ऋण भी दिलवाया
जाएगा ताकि वे स्व-रोजगार की ओर कदम बढ़ा सकें। ऋण पर सब्सिडी भी मुहैया करवाई जाएगी
और ऋण की गारंटी सरकार लेगी। उन्होंने कहा कि हर साल एक लाख श्रमिकों को
स्व-रोजगार के लिए ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।
गर्भवती श्रमिक महिलाओं को पोषण आहार हेतु
मिलेंगे 4 हजार रूपये
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिकों के पाँच वर्ष
से कम आयु के बच्चों का सम्पूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जाएगा तथा कुपोषित
बच्चों के लिए विशेष पोषण आहार की व्यवस्था करने की पहल की जाएगी। श्री चौहान ने
घोषणा की कि छः से नौ माह की गर्भवती श्रमिक महिला को पोषण आहार के लिए चार हजार
रूपए की राशि प्रदान की जाएगी। प्रसव होने पर सरकार उस महिला के खाते में साढ़े
बारह हजार रूपए जमा कराएगी ताकि वह इस अवस्था में मजदूरी करने को विवश न हो और घर
पर विश्राम कर सके।
श्रमिकों की मृत्यु पर परिवार को मिलेंगे 4
लाख रूपये
श्री चौहान ने तेंदूपत्ता तोड़ने, महुआ
के फूल एवं चिरौंजी बीनने वाली श्रमिक बहनों के लिए चरण पादुका योजना के तहत
चप्पल-जूते तथा प्यास बुझाने के लिए ठण्डे पानी की कुप्पी प्रदान किए जाने की
योजना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि श्रमिक की मृत्यु होने पर पंचायत/नगरीय
निकाय से पांच हजार रूपए नगद दिए जाने की व्यवस्था की जा रही है ताकि सम्मानपूर्वक
अंतिम संस्कार सम्पन्न हो सके। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि परिवार के मुखिया
श्रमिक की सामान्य मृत्यु होने पर दो लाख रूपए तथा दुर्घटना में मृत्यु होने पर
चार लाख रूपए परिवार को भरण-पोषण के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे।
पंजीयन अभियान शुरू
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से ही श्रमिकों के
रजिस्ट्रेशन का अभियान आरंभ कर दिया गया है जो मई माह तक पूरा हो जाएगा। इसके लिए
विशेष पोर्टल बनाया गया है। श्रमिक का सम्बन्धित पंचायत अथवा नगरीय निकाय को इतना
लिखकर देना ही रजिस्ट्रेशन के लिए पर्याप्त होगा कि वह श्रमिक है, नौकरी
नहीं करता और आयकर नहीं देता। श्री चौहान ने साइकिल-रिक्शा चलाने वालों की पीड़ा का
जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें ई-रिक्शा प्रदान करने की दिशा में पहल की जाएगी। इसी
प्रकार हाथ-ठेले चलाने वालों को ई-लोडर का मालिक बनाने के लिए जरूरी कदम उठाए
जाएंगे। इसके लिए पाँच प्रतिशत ब्याज अनुदान के साथ तीस हजार रूपए की सब्सिडी
उपलब्ध कराई जाएगी। शहरों में छोटे-मोटे काम करने वालों को साइकिल के लिए चार हजार
रूपए की सहायता उपलब्ध कराई जाएगी ताकि उन्हें आवागमन में सुविधा हो। मुख्यमंत्री
ने कहा कि समस्त असंगठित श्रमिकों के परिवारों को बिजली कनेक्शन दिए जाएंगे और
इन्हें इसके लिये 200 रूपए मासिक फ्लैट रेट ही देना होगा।
मध्यप्रदेश असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार
कल्याण मण्डल के अध्यक्ष श्री सुल्तान सिंह शेखावत ने कहा कि असंगठित श्रमिक समाज
का सर्वाधिक शोषित, पीड़ित और वंचित वर्ग है। उन्होंने कहा कि
असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की बेहतरी के बारे में सोचने वाला मध्यप्रदेश पहला
राज्य है। श्री शेखावत ने विश्वास व्यक्त किया कि मध्यप्रदेश सरकार असंगठित
क्षेत्र के श्रमिकों के कल्याण के लिए ठोस कदम उठाकर पं. दीनदयाल उपाध्याय का सपना
साकार करेगी।
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