अमित शाह का राज्यसभा में पहला भाषण, कहा-
पकौड़ा बनाना बेरोजगारी से अच्छा
बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा
के दौरान आज बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने राज्यसभा में अपना पहला भाषण दिया. शाह ने
लंबे भीषण में जमकर सरकार की खूबियां गिनाई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ
की. उन्होंने रोजगार पर विपक्ष के हमले का भी जवाब दिया.
अमित शाह ने कहा कि अगर देश में बेरोजगारी है
तो इसके लिए कांग्रेस का 55 साल का शासन जिम्मेदार है. उन्होंने
कहा कि बेरोजगार रहने से पकौड़े का व्यापार करना ज्यादा अच्छा है. अमित शाह ने
जीएसटी, बेरोजगारी, किसान, गरीब, महिलाओं,
समेत
कई मुद्दों पर अपनी बात रखी.
बेजोरगारी के लिए कांग्रेस का 55
साल का शासन जिम्मेदार
बेजोरगारी पर कांग्रेस के हमलों पर अमित शाह ने
पलटवार किया. उन्होंने कहा, ''इस सदन में आनंद शर्मा और बाकी सदस्यों
ने बेरोजगारी का मुद्दा उठाया. मैं इस बात से इनकार नहीं कर रहा कि देश में
बेरोजगारी नहीं है. लेकिन 55 साल कांग्रेस के शासन करने के बाद भी
अगर ये समस्या है तो किसने इसका समाधान नहीं ढूंढा? हमने बेरोजगारी
की समस्या का समधान ढूंडा. हमने स्किल इंडिया, स्टार्ट अप
इंडिया, स्टैंड अप इंडिया और मुद्रा बैंक जैसी योजनाएं लेकर आए.''
पकौड़ा बनाना शर्म की बात नहीं, बेरोजगारी
से अच्छा है
उन्होंने कहा, ''मद्रा बैंक
योजना में साढ़े दस करोड़ युवाओं को दस लाख तक का लोन देने का काम समाप्त कर दिया
गया है. इसमें गारंटी नहीं देनी है और ब्याज भी बेहद कम है. चिदंबरम साहब ने ट्वीट
किया कि किसी ने मुद्रा बैंक के साथ किसी ने पकौड़े का ढेला लगा दिया. मैं मानता
हूं कि बेरोजगारी से तो अच्छा कि कोई युवा मेहनत करके पकौड़े का ठेला लगाए.''
विरासत में मिले गड्ढे को भरने में बहुत समय
गया
अमित शाह ने कहा, ''लोग हमारी
उपलब्धियों का विश्लेषण कर रहे हैं लेकिन इस विश्लेषण से पहले देखना होगा कि हमें
विरासत में क्या मिला? सरकार ने जब काम संभाला तब बहुत बड़ा गड्ढा था,
उस
गड्ढे को भरने में ही सरकार का बहुत सारा समय गया है. गड्ढा भरने के बाद फिर जो
सरकार ने काम किया उसे अलग नजरिए से देखने की जरूरत है.''
UPA सरकार की नीतियों को लकवा लग गया था
अमित शाह ने कहा, ''2013 में सबसे बड़ा
सवाल था कि देश किस दिशा में जा रहा है? महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस करती
थीं, सीमाओं की सुरक्षा का कोई ठिकाना नहीं था. जवान अपने शौर्य का
प्रदर्शन नहीं कर पा रहा था. 12 लाख करोड़ के घपले और घोटाले की सीरीज
देश के सामने बड़े सवाल कर रही थी. उसी समय सवाल उठा कि सरकार को पॉलिसी पैरालिसिस
हो गया है. देश ने उसी समय परिस्थिति बदलने के लिए एक साथ निर्णय लिया.''
BJP को बहुमत मिलने के बावजूद NDA को
सरकार में शामिल किया
अमित शाह ने कहा, ''2014 के चुनाव में
जनता ने एतिहासिक निर्णय किया. 30 साल से देश में किसी भी एक पार्टी को
बहुमत नहीं मिला था. आजादी के बाद किसी गैरकांग्रेसी पार्टी को भी बहुमत नहीं मिला
था. 2014 में जनता ने प्रचंड बहुमत देकर इन सभी बातों को ध्वस्त कर दिया. ये
बहुमत सिर्फ बीजेपी को मिला था इसके बावजूद हमने पूरे एनडीए के साथियों को सरकार
की यात्रा में शामिल किया.''
अंतिम व्यक्ति को पहले स्थान पर लाने का काम
किया
अमित शाह ने कहा, ''साढ़े तीन साल
में हमारी सरकार अंत्योदय के सिद्धांत पर चली है. अंत्योदय का सिद्धांत के का मतलब
है कि विकास की लाइन में आखिरी व्यक्ति को विकास की लाइन में पहले व्यक्ति के
बराबर लाकर खड़ा कर देना. साढ़े तीन साल में सराकर ने पचास से ज्यादा ऐसे काम किए
हैं जिन्हें इतिहास में याद रखा जाएगा.''
साढ़े तीन साल में 31 करोड़ बैक खाते
खुलवाए
गरीबों के बैंक खातों को लेकर कांग्रेस पर
निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा, ''गरीब के विकास के लिए टुकड़ों में नहीं
लगातार काम किया. सबसे पहला काम जनधन योजना के रूप में किया. 70
साल की आजादी के बाद 55 साल एक पार्टी और एक ही परिवार का शासन रहा. 55
साल के कांग्रेस के शाशन के बाद 60 प्रतिशत लोग ऐसे थे जिनके घर में कोई
खाता नहीं था. ऐसी सरकारों का विजन क्या रहा होगा. आज 31 करोड़ गरीबों
के बैंक अकाउंट खुले हैं, शायद ही कोई ऐसा परिवार होगा जिसमें
बैंक अकाउंट नहीं होगा."
उन्होंन कहा, ''हम कमेंट किए
जाते थे कि खाते तो खुलवा दिए इनमें पैसा कहां से आएगा. हमने जीरो बैलेंस की
व्यवस्था की थी लेकिन आज 31 करोड़ जनधन खातों में 73,000
करोड़ रुपया गरीबों ने जमा करवाया है. वो अपने गल्ले में रखता था आज बैंत अकाउंट
में रखा हा और देश के विकास में पैसा लगा है.''
प्रधानमंत्री की अपील पर लोगों ने गैस सब्सिडी
छोड़ी
अमित शाह ने कहा, ''देश में जिस तरह
की राजनीति चली उसमें किसी को कुछ छोड़ने के लिए कहना बहुत मुश्किल था. इतिहास में
लाल बहादुर शास्त्री ने पाकिस्तान से युद्ध के कारण कहा था कि देश के पास चावल
नहीं है सोमवार के उपवास रखें. सभी ने इसका सम्मान किया, शास्त्री जी के
बाद ऐसा निर्णय लेने का कार्य प्रधानमंत्री मोदी ने किया है. उन्होंने कहा कि जिन
लोगों को कोई जरूरत नहीं है वो लोग गैस की सबसिडी छोड़ दें. इसके बाद एक करोड़
तेईस लाख लोगों ने सब्सिडी छोड़ दी.
उज्जवला योजना में महिलाओं को सिलेंडर दिए
प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए अमित शाह
ने कहा, ''कोई और प्रधानमंत्री होता तो गैस सब्सिडी से बचे पैसे से वित्तीय
घाटा कर लेता लेकिन मोदी उज्जवला योजना की शुरुआत की. गरीब महिलाओं के पास स्वच्छ
ईंधन नहीं था. मोदी सरकार ने पांच साल में पांच करोड़ महिलाओं को गैस सिलेंडर देने
का संकल्प लिया. साढ़े तीन साल में तीन करोड़ तीस लाख लोगों को गैस सिलेंडर दिया
जा चुका है. इसके बाद इसी बजट में लक्ष्य को पांच से बढ़ाकर आठ करोड़ कर दिया है.''
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