शेर सिंह राणा फूलनदेवी के हत्यारे ने रचाई
शादी, दहेज में 10 करोड़ की खदान
लेने से किया इनकार
एसपी सांसद फूलन देवी हत्याकांड में आजीवन
कारावास की सजा पा चुके और जमानत पर जेल से बाहर आए शेर सिंह राणा ने मध्य प्रदेश
के छतरपुर से पूर्व विधायक की बेटी के साथ रुड़की में शादी कर ली। शेर सिंह राणा
ने दहेज में मिली 10 करोड़ की खदान, 31 लाख रुपये के
शगुन को लेने से इनकार करते हुए चांदी का सिक्का लेकर शादी की रस्म अदा की।
ता दें कि इससे पहले शेर सिंह राणा की शादी का
कार्यक्रम शांतिकुंज में होना था लेकिन वहां पर कार्यक्रम संभव नहीं हो सका।
गौरतलब है कि 25 जुलाई 2001 को शेर सिंह
राणा ने एसपी सांसद फूलन देवी की दिल्ली स्थित सरकारी आवास से निकलते वक्त गोली
मारकर हत्या कर दी थी। हत्या के इस मामले में दिल्ली की एक अदालत ने 2014
में फूलन देवी हत्याकांड का दोषी मानते हुए शेर सिंह राणा को आजीवन कारावास की सजा
सुनाई थी जबकि उसके 3 दोस्तों को बरी कर दिया गया था।
दिल्ली में हुआ शादी का आयोजन
इसी अदालत ने शेर सिंह राणा को वर्ष 2017
में जमानत दे दी थी। शेर सिंह राणा ने मंगलवार को मध्य प्रदेश के छत्रपुर जिले के
बड़ा मलहरा विधानसभा सीट से वर्ष 2008 में विधायक रहे राणा प्रताप सिंह की
बेटी प्रतिमा राणा से शादी की। इस शादी का आयोजन दिल्ली रोड स्थित एक होटेल में
बहुत सादगी से संपन्न हुआ। दुल्हन की मां संध्या राजीव बुंदेला ने बताया कि जिस
खदान की प्रॉपर्टी वह शेर सिंह राणा को देना चाहते थे उस तरह की खदान एशिया भर में
सिर्फ एक ही है।
2001 में की थी फूलन देवी की हत्या
दिल्ली में अशोका रोड पर वर्ष 2001
में तत्कालीन एसपी (समाजवादी पार्टी) की सांसद फूलन देवी की गोलियों से भूनकर
हत्या के बाद देहरादून के प्रेस क्लब में शेर सिंह और उनके दोस्तों ने मीडिया की
मौजूदगी में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था। पुलिस के मुताबिक, उस
समय राणा ने बेहमई हत्याकांड में मारे गए 22 ठाकुरों की
हत्या का बदला लेने के लिए फूलन देवी की हत्या की बात कही थी।
अफगानिस्तान जाने का कर चुके हैं दावा
यही नहीं, वर्ष 2004
में शेर सिंह राणा नाटकीय तरीके से देश की सबसे सुरक्षित समझी जाने वाली दिल्ली की
तिहाड़ जेल से फरार हो गया था। तिहाड़ से निकलकर संजय गुप्ता निवासी रांची झारखंड
के नाम पते पर पासपोर्ट बनवाकर वह बांग्लादेश, दुबई होते हुए
अफगानिस्तान पहुंचा। इस दौरान राणा ने अफगानिस्तान से पृथ्वीराज चौहान की समाधि से
मिट्टी लाने का दावा भी किया था।
काफी वक्त गुजरने के बाद शेर सिंह की फिर से
गिरफ्तारी हुई थी, जिसके बाद से वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में सजा
काट रहा था। राणा को वर्ष 2017 में जमानत मिली। शेर सिंह राणा ने 2012
में
उत्तर प्रदेश के जेवर से निर्दलीय चुनाव भी लड़ा था लेकिन उन्हें शिकस्त झेलनी
पड़ी।
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