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दिवसीय गढाकोटा रहस लोकोत्सव का शुभारंभ किया राज्यपाल
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि
गरीबी से लड़ने का मूल मंत्र शिक्षा है। बेटियों को पढ़ाएं क्योंकि पढ़ी हुई
बेटियों में स्वास्थ्य, संस्कार
और स्वावलंबन की भावना का स्वत: ही विकास होता है। उन्होंने यह बात गुरुवार को
सागर जिले के गढ़ाकोटा तहसील मुख्यालय पर गढ़ाकोटा रहस लोकोत्सव के शुभारंभ पर
कहीं।
इस अवसर पर आजीविका महिला स्व-सहायता समूह का
राज्य-स्तरीय सम्मेलन भी आयोजित किया गया। इसमें आजीविका महिला स्व-सहायता समूह को
28 लाख रुपए की
राशि का वितरण और सम्मेलन में उपस्थित लगभग पचास हजार महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन
का वितरण भी किया गया।
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि आजीविका मिशन
के माध्यम से महिलाओं के जीवन में बदलाव आया है। वे आर्थिक आत्म-निर्भरता प्राप्त
कर रही हैं। उनकी सोच में भी बदलाव आया है। उन्होंने महिलाओं को समझाइश देते हुए
कहा कि जीवन में शिक्षा का बहुत महत्व है। शिक्षा ही वह माध्यम है जिसके द्वारा
महिलाएं आसानी से आत्म-निर्भरता प्राप्त कर सकती हैं और गरीबी के चंगुल से मुक्त
हो सकती हैं। राज्यपाल ने सभी माताओं से
अपनी बेटियों को पढ़ाने का आग्रह भी किया।। उन्होंने कहा कि पढ़ी हुई बेटी दो परिवारों का
उद्धार करती है। श्रीमती पटेल ने बाल विवाह और उससे होने वाली समस्याओं से भी
उपस्थित महिलाओं को आगाह किया।
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने राज्य सरकार की योजनाओं की सराहना की और कहा कि
महिलाएँ आगे आएं और शासन की
विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाएं।
उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि श्री मोदी के
प्रधानमंत्री बनने के बाद महिलाओं की
शिक्षा स्वास्थ्य की ओर
विशेष ध्यान दिया गया है। भारत सरकार द्वारा आगामी बजट में
प्रत्येक परिवार के लिए 5
लाख की स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का
आश्वासन भी दिया गया है।
पंचायत
एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने कहा कि गढ़ाकोटा में रहस मेले का
आयोजन 214 वर्ष पुराना
है। इस मेले को सार्थक बनाने के लिए बुंदेलखंड की कला और संस्कृति के साथ-साथ
सामाजिक सरोकार से जोड़ते हुए आने वाले ग्रामीण जनों को शासन की विभिन्न
कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री
श्री शिवराज सिंह चौहान की नेतृत्व वाली सरकार द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए
अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इसी का परिणाम है कि आज पंचायत राज संस्थाओं
में 54 प्रतिशत
महिलाएं प्रतिनिधित्व कर रही हैं। प्रदेश की 51 जिला पंचायतों में से 34 जिला पंचायतों के अध्यक्ष के पद पर महिला अध्यक्ष कार्यरत हैं। श्री
भार्गव ने कहा कि प्रदेश में आजीविका मिशन के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक
आत्म-निर्भरता प्रदान करने का काम भी बड़ी मुस्तैदी के साथ किया जा रहा है। प्रदेश
के डेढ़ लाख महिला स्व-सहायता समूह को लगभग 2000 करोड रुपए की आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध कराई
गई है। इसी क्रम में रहली विधानसभा क्षेत्र के 214 गांव में 2 हजार समूह का गठन कर 21000 परिवारों को मिशन से जोड़ा गया है। इन समूहों
को दो चरणों में 12
करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध कराई गई है। इसी प्रकार रहली विधानसभा क्षेत्र में
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत 17 हजार बेटियों का विवाह कराया गया है।
श्री भार्गव ने कहा कि महिलाओं की सबसे गंभीर
समस्या मासिक धर्म के अवसर पर हाइजेनिक संसाधन उपलब्ध ना होना है। इसका सामना करने
के लिए प्रदेश में राष्ट्रीय आजीविका मिशन के समूह द्वारा तैयार किए गए सेनेटरी
नैपकिन ग्रामीण महिलाओं को नाम मात्र मूल्य पर उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने कहा
कि इसके प्रति जन जागृति के उद्देश्य से सम्मेलन में आने वाली 50,000 महिला
हितग्राहियों को निशुल्क सेनेटरी नैपकिन का वितरण कराया जा रहा है।
कार्यक्रम में सागर विश्वविद्यालय के कुलपति
श्री आर.के. तिवारी, राज्य
महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती लता वानखेड़े, बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री रामकृष्ण कुसमरिया और
विधायक श्रीमती पारुल साहू विशेष अतिथि के रुप में उपस्थित थीं।
कार्यक्रम के प्रारंभ में राज्यपाल श्रीमती
आनंदीबेन पटेल ने महाराजा मर्दन सिंह जूदेव की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप
प्रज्वलित कर मेले का शुभारंभ किया। कार्यक्रम के अंत में मेला आयोजन समिति के
अध्यक्ष श्री अभिषेक भार्गव ने आभार व्यक्त किया।
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