अपने भीतर छुपी प्रतिभा को अपनी ताकत बनाएँ दिव्यांगजन
: राष्ट्रपति कोविंद
राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने दिव्यांगजनों
से कहा है कि अपनी शारीरिक कमजोरी को जिंदगी पर हावी न होने दें। अपनी प्रतिभा को
पहचानें। यही प्रतिभा जिंदगी में आगे बढ़ने का आत्मबल प्रदान करेगी। राष्ट्रपति
श्री कोविंद ने आज ग्वालियर में आयोजित 'नि:शुल्क सहायक उपकरण वितरण समारोह'
को
संबोधित कर रहे थे। उन्होंने दिव्यांगों से कहा कि उपकरण सहयोग के लिये हैं,
उन्हें
सहारा न बनाएँ। अपनी प्रतिभा और छिपी ताकत को जगाएँ, फिर ये धरती और
आसमां आपका होगा।
राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने केन्द्र एवं
राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से दिव्यांगों को सहायक उपकरण मुहैया कराने की योजना
समग्र कल्याण की दिशा में समावेशी शिक्षा, कौशल विकास, रोजगार एवं
सामाजिक सुरक्षा के लिये किये जा रहे प्रयासों की सराहना की। राष्ट्रपति ने कहा कि
दिव्यांग एवं वृद्धजन को सरकार द्वारा अत्याधुनिक सहायक उपकरण मुहैया कराए जा रहे
हैं। सरकार इस लक्ष्य के साथ काम कर रही है कि कोई भी दिव्यांग बगैर सहायता के न
रहे। सरकारी एवं निजी क्षेत्रों में दिव्यांगों के लिये रोजगार के अवसर भी तलाशे
जा रहे हैं। भारत सरकार ने नौकरियों में दिव्यांगों के आरक्षण का कोटा तीन प्रतिशत
से बढ़ाकर चार प्रतिशत कर दिया है। दिव्यांगों के लिये आरक्षित रिक्त पदों को भरने
के लिये भी विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि देश में ऐसे कई दिव्यांग
है जो दूसरों के लिये प्रेरणा स्त्रोत बने हैं। उन्होंने अण्डर-19 की
क्रिकेटर चैन्नई की प्रीति श्रीनिवासन का जिक्र किया। राष्ट्रपति ने कहा कि प्रीति
श्रीनिवासन ने सोलफ्री एनजीओ का गठन कर उल्लेखनीय काम किया है। इसी तरह दिव्यांग
दीपा मलिक और सज्जन सिंह गुर्जर ने पक्के इरादों की बदौलत अपना और देश का नाम रोशन
किया है। राष्ट्रपति ने प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्यांगना सुधा चंद्रन का उदाहरण देते
हुए कहा कि उन्होंने अपने पैरों की कमजोरी को ताकत बनाकर नृत्य के क्षेत्र में देश
ही नहीं, दुनिया में नाम कमाया। इसी तरह दृष्टिबाधित जगदगुरू स्वामी राम
भद्राचार्य ने 120 पुस्तकें लिखीं और चित्रकूट में उनके द्वारा
संचालित शिक्षण संस्थान से निकले दिव्यांग दुनिया में भारत का नाम रोशन कर रहे
हैं। उन्होंने त्रेतायुगीन ऋषि अष्टावक्र की प्रेरणादायक कहानी सुनाकर दिव्यांगों
को प्रोत्साहित किया। राष्ट्रपति ने कहा कि दिव्यांगों की पीड़ा बांटने के लिये
ग्वालियर में इस मेगा शिविर का आयोजन सराहनीय पहल है। भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी हरियाणा,
मध्यप्रदेश
सरकार, जिला प्रशासन एवं एलिम्को तथा इस आयोजन से जुड़ीं धरा फाउण्डेशन सहित
अन्य संस्थायें बधाई की पात्र हैं।
ग्वालियर की तर्ज पर पूरे प्रदेश में चलेगा
दिव्यांग मित्र अभियान – मुख्यमंत्री श्री चौहान
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि
पण्डित दीनदयाल उपाध्याय की भावनाओं के अनुरूप ग्वालियर में दिव्यांग व वरिष्ठजनों
के लिये मेगा शिविर हुआ है। इस आयोजन में सहायक उपकरण वितरण के साथ-साथ 1400
दिव्यांगों को स्वरोजगार, रोजगार तथा नौकरी देने का काम भी किया
गया है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर जिले में चलाए जा रहे दिव्यांग अभियान की तर्ज
पर पूरे प्रदेश में दिव्यांगों के कल्याण के लिये अभियान चलाया जाएगा।
श्री चौहान ने कहा कि थोड़े से सहयोग से
दिव्यांग भी विभिन्न क्षेत्रों में नए प्रतिमान गढ़ सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा
कि प्रदेश में एक लाख 67 हजार दिव्यांगों के यूनिक आईडी कार्ड जारी किए
गए हैं। सरकार दिव्यांग विवाह पर 2 लाख रूपये की सम्मान राशि देती है।
प्रदेश के 4 लाख दिव्यांगों के खातों में एक क्लिक से राशि
पहुंचाई जाती है। सरकार प्रतिमाह 500 रूपए की दिव्यांग पेंशन दे रही है।
किसी को पीड़ाग्रस्त नहीं रहने देने के संकल्प
के साथ लगा शिविर – प्रो. सोलंकी
हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी
ने कहा कि किसी भी दिव्यांग एवं वृद्धजन को अभावग्रस्त एवं पीड़ाग्रस्त नहीं रहने
देने के संकल्प के साथ इस शिविर का आयोजन हुआ है। उन्होंने कहा कि हरियाणा
रेडक्रॉस सोसायटी मानव कल्याण के सात सूत्रों को लेकर सेवाभाव में जुटी है। इनमें
मानवता, तटस्थता, स्वतंत्रता, निष्पक्षता,
स्वैच्छिक
सेवा, सार्वभौमिकता शामिल हैं। इसके लिये हरियाणा रेडक्रॉस सोसायटी को वर्ष
2013 में राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है। हरियाणा रेडक्रॉस सोसायटी
अंतर्राज्यीय शिविरों का आयोजन करती है। इसी के तहत ग्वालियर के शिविर में भी
हरियाणा रेडक्रॉस सोसायटी सहयोग कर रही है।
पं. दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर हुई
पुनीत पहल – केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर
केन्द्रीय पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री
श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि एकात्म मानववाद के प्रणेता पं. दीनदयाल
उपाध्याय की पुण्यतिथि पर ग्वालियर में दिव्यांग एवं वृद्धजनों के सहायतार्थ पुनीत
आयोजन हुआ है। दिव्यांग एवं वृद्धजन को समाज तथा सरकार से जो सहभागिता मिलनी चाहिए,
वह
इस शिविर में सार्थक हो रही है। उन्होंने इस आयोजन से जुड़ीं सभी संस्थाओं के प्रति
कृतज्ञता जताई। उन्होंने कहा भारत सरकार का सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
प्रधानमंत्री की मंशा पर खरा उतर रहा है।
दिव्यांगों के कल्याण के क्षेत्र में
मध्यप्रदेश सरकार के प्रयास सराहनीय – श्री गेहलोत
भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता
मंत्री श्री थावरचंद गेहलोत ने कहा कि मंत्रालय अब तक 6 हजार 250 से
अधिक कैम्प लगा चुका है। इसी कड़ी में ग्वालियर में 282वाँ मेगा कैम्प
आयोजित किया गया है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के माध्यम से पिछले
साढ़े तीन साल के दौरान 600 करोड़ की लागत से साढ़े 9
लाख से अधिक लाभार्थियों को सहायक उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। श्री गेहलोत ने कहा
कि समाज कल्याण के क्षेत्र में भारत सरकार का सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता
मंत्रालय 5 गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुका है। सरकार ने दिव्यांगों के
हितों को ध्यान में रखकर कानून में भी बदलाव किया है। पहले दिव्यांगों की 7
श्रेणी होती थीं जो अब 21 हो गई हैं। उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार
की सराहना करते हुए कहा कि यहाँ दिव्यांगों के लिये सरकारी नौकरियों में 6
प्रतिशत पद आरक्षित हैं। साथ ही दिव्यांगों को अन्य राज्यों की अपेक्षा अधिक पेंशन
भी दी जाती है।
राष्ट्रपति ने बांटे सहायक उपकरण
राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद एवं अन्य
अतिथियों ने मंच से 10 लाभार्थियों को प्रतीक स्वरूप सहायक उपकरण
वितरित किए। एडिप योजना के तहत मस्जिद वाली गली, माधौगंज निवासी
श्री गोपाल गर्ग को मोटराईज्ड ट्रायसाइकिल, ललितपुर कॉलोनी
निवासी श्रीमती सुग़रा बेगम को व्हीलचेयर, श्रीराम कॉलोनी गोल पहाड़िया निवासी कु.
सिमरन माहौर को कृत्रिम पैर, भागीरथ रेसीडेंसी बैंक कॉलोनी निवासी
दृष्टिबाधित लाभार्थी श्री एन के गुप्ता को स्मार्ट केन एवं घासमण्डी निवासी
श्रवणबाधित 6 वर्षीय बालक वंश को कॉक्लियर इम्प्लांट मुहैया
कराया। इसी तरह राष्ट्रीय वयोश्री योजना के तहत सूरीनगर सीपी कॉलोनी की श्रीमती
कमलादेवी को डेंचर (कृत्रिम दांत) व गोसपुरा नं.-1 ग्वालियर के
श्री अशोक कुमार को राष्ट्रपति ने चश्मा पहनाया। स्वरोजगार योजना के तहत टापू
मोहल्ला नयाबाजार के श्री विपिन पाथरे को दौना पत्तल निर्माण की मशीन और पढ़े-लिखे
दिव्यांग युवक सुल्तान को अमर ज्योति स्कूल एवं पुनर्वास केन्द्र में लेक्चरर के
पद का नियुक्ति पत्र सौंपा गया। राष्ट्रपति श्री कोविंद ने रानीपुरा चार शहर का
नाका निवासी श्रीमती कृष्णादेवी को आवास योजना के तहत पक्के घर की चाबी सौंपी।
स्मार्ट फोन, स्मार्ट केन से
लेकर मोटराईज्ड दिव्यांगों को दी गई
नि:शुल्क सहायक उपकरण वितरण समारोह में एडिप
योजना के तहत 119 बैटरी चलित ट्राइस्किल, 762
ट्राइस्किल, 277 व्हीलचेयर, 1236 बैशाखी,
दृष्टिबाधितों
के लिये 50 स्मार्ट फोन, 34 ब्रेल केन (छड़ी), 36
ब्रेल किट व 19 ब्रेल स्लेट, 30 डेजी प्लेयर,
तथा
बैटरी से संचालित 127 स्मार्ट केन वितरित की गई। इसके अलावा श्रवण
बाधितों को 742 कान की मशीन, चलने में असमर्थ
बच्चों के लिये 38 रोलेटर, मानसिक
दिव्यांगों के लिये 268 एमएसआईडी किट, अस्थि बाधित
दिव्यांगों के लिये 324 कैलीपर्स व प्रोस्थेसिस (कृत्रिम अंग),
कुष्ठ
रोगियों के लिये 26 एडीएल किट व इतने ही सेलफोन एवं सेरीब्रिल
पॉलिसी अवस्था के तीन दिव्यांगों को सीपी चेयर वितरित की गईं।
बुजुर्गों को मिले नजर के चश्मे, ट्राइपेड
और छड़ी
राष्ट्रीय वयोश्री योजना के तहत 1089
वॉकिंग स्टिक, 806 नजर के चश्मे, 250 व्हीलचेयर,
773
श्रवण यंत्र, 417 ट्राइपोड, 197 टेट्रापोड,
85
कृत्रिम दांत (बत्तीसी), 14 बैशाखी व तीन फोल्डेबल वॉकर वितरित
हुए।
समारोह का शुभारंभ एवं समापन राष्ट्रगान के साथ
हुआ। आरंभ में राष्ट्रपति सहित अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन किया। राष्ट्रपति
को स्मृति स्वरूप शालभंजिका की मूर्ति भेंट की गई।
एडिप एवं राष्ट्रीय वयोश्री योजना के तहत इस
मेगा शिविर में 4 हजार 271 दिव्यांग व
वरिष्ठ नागरिकों को लगभग 2 करोड़ 90 लाख रूपए लागत
के 8 हजार 108 कृत्रिम अंग व सहायक उपकरण प्रदान किए गए।
ग्वालियर जिले को दिव्यांग मित्र बनाने के लिये चलाए गए अभियान के तहत चिन्हित किए
गए लगभग 1400 दिव्यांगजन को रोजगार, स्वरोजगार व
नौकरी इत्यादि के प्रमाण-पत्र सौंपे गए।
इस अवसर पर मध्यप्रदेश की राज्यपाल श्रीमती
आनंदीबेन पटेल, बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार,
नगरीय
विकास एवं आवास मंत्री श्रीमती माया सिंह और उच्च शिक्षा एवं लोक सेवा प्रबंधन
मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया बतौर विशिष्ट अतिथि मंचासीन थे। समारोह में क्षेत्रीय
जनप्रतिनिधिगण तथा केन्द्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन
सशक्तिकरण विभाग की सचिव श्रीमती शकुंतला डी गैमलिन, संयुक्त सचिव
डॉ. प्रबोध सेठ, संभाग आयुक्त श्री बी.एम. शर्मा, सीएमडी
एलिम्को श्री डी आर सरीन, आईजी श्री अंशुमन यादव व कलेक्टर श्री
राहुल जैन सहित बड़ी संख्या में दिव्यांगजन, वरिष्ठजन एवं
गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
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