घोटालो पर केन्द्र सरकार तो दोषियों को दंडित
करने के लिए प्रतिबद्ध है
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री श्री
विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि नीरव मोदी के मामले में बैंक घोटाला को लेकर कांग्रेस
उल्टा चोर कोतवाल को डांटे की कहावत चरितार्थ कर रही है। क्या यह अजीब नहीं है कि
पंजाब नेशनल बैंक के साथ नीरव मोदी का मामला 2011 में ही आरंभ हो गया था और अब इसे एनडीए सरकार
से जोड़ा जा रहा है जबकि इस मामले में कठधरे में यूपीए सरकार खडी है। प्रधानमंत्री
श्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली ने तो इसका भांडा फोड़ा है और
कहा है कि किसी भी गुनहगाहर को बख्शा नहीं जायेगा। एनडीए सरकार ने पौने चार वर्षो
में कही किसी को न कर्ज दिलाया न सिफारिश की। जबकि कांग्रेस सरकारों का यह
गोरखधंधा रहा है।
उन्होंने कहा कि दरअसल जब-जब कांग्रेस विपत्ति
में होती है तो अपने को क्रांति की प्रणेता के रूप में पेश करती है लेकिन देश की
जनता सब जानती है। सांगठनिक समस्या में 1969 में घिरी कांग्रेस के समय तत्कालीन
प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने 14 बैंको का राष्ट्रीयकरण करके बैंको की आर्थिक स्वायत्तता समाप्त करके
वित्त मंत्रालय के बाबूओं के नियंत्रण में छोड़ दिया जहां राजनेताओं की पांच
अंगुलियां घी में हो गयी। माल्या और नीरव मोदी की बन आयी। यही वह दौर था जब
श्रीमती इंदिरा गांधी के नाम पर बैंक से रकम मंगा ली गयी जिसकी आज तक हुई जांचों
का कोई नतीजा नहीं निकला। तभी से कांग्रेस के राजनेताओं के हुकुम पर करोड़ो रूपयों
के कर्ज दिए जाने का सिलसिला चल पड़ा। चाहे माल्या रहा हो अथवा नीरव मोदी उनके
द्वारा की गयी बैंक की राशि लेने में दूसरा कोई नहीं कांग्रेस दोषी है। एनडीए
सरकार ने तो खामी को सार्वजनिक किया और लूट के लिए जिम्मेदार लोगों को निशाने पर
लेकर दंडित करने की ठानी है।
श्री शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में
रहते हुए लोक धन की लूट पर कभी लगाम लगाने की कार्यवाही नहीं की जबकि नरेन्द्र
मोदी सरकार ने दिवालिया संहिता को प्रभावी बनाया और बैंको के धन की लूट करने वाले
उद्योगपतियों, कंपनियां
के खिलाफ हर तरह की कार्यवाही करने का बैंकों को अधिकार दिया। इस कार्यवाही से ही
निहित स्वार्थ वाले घराने नरेन्द्र मोदी सरकार के विरूद्ध लामबंद हुए है और
कांग्रेस उनकी सरपरस्ती कर रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंध
निदेशक मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील मेहता ने स्वीकार किया है कि पंजाब नेशनल
बैंक की मुंबई शाखा से 11500 करोड़
रूपए के घोटाले का बीजांकुर 2011
में हो चुका था। तब देश में डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए
सरकार थी। अब इस घोटाले को एनडीए के साथ जोड़ना और कांग्रेस की मजबूरी और मोदी
विरोध का घृणित सबूत है।
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